पत्नियों की अदला-बदली से मचा गांव में हड़कंप! सामने आया वाइफ स्वैपिंग का मामला, जानें इसका मतलब और रिश्‍तों पर असर

UP Village Wife Swapping Case: उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यह कोई हॉलीवुड फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि असली जिंदगी की घटना है, जिसमें दो दोस्तों ने आपसी सहमति से अपनी-अपनी पत्नियों का अदला-बदली(wife swapping cases) करने का निर्णय लिया. शुरुआत में यह एक मजाक या हल्की-फुल्की बातचीत लग सकती थी, लेकिन जल्द ही मामला इतना पेचीदा और विवादित हो गया कि स्थानीय पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. इस घटना ने न केवल गांव में बल्कि सोशल मीडिया पर भी ध्यान खींचा. आइए जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी और समझते हैं कि शादी और दोस्ती में वाइफ स्वैपिंग जैसे प्रचलन कैसे सामने आते हैं.

क्‍या है मामला–
लोनी कटरा थाना क्षेत्र के लक्ष्मणपुर गांव के रहने वाले अनूप यादव और पप्पू कोरी अहमदाबाद में नौकरी करते थे. दोनों साथ रहते थे और इसी दौरान उनके बीच दोस्ती गहरी होती चली गई. लेकिन यह दोस्ती कब पत्नियों की अदला-बदली तक पहुंच गई, यह किसी ने सोचा भी नहीं था. अनूप की पत्नी का आरोप था कि पति ने उसे दोस्त पप्पू के साथ जबरन रहने के लिए कहा. वहीं, पप्पू ने पलटकर आरोप लगाया कि अनूप उसकी पत्नी को अपने साथ ले गया.

भरोसे पर चोट, रिश्तों में दरार–
दोस्ती का असली आधार भरोसा होता है, लेकिन जब यही भरोसा टूटता है तो रिश्ते जहरीले हो जाते हैं. इस केस में दोनों दोस्त अब एक-दूसरे को धोखेबाज कह रहे हैं. अनूप की पत्नी का कहना है कि शादी के दो साल बाद पति ने उसे मायके छोड़ दिया और लौटने पर पप्पू के साथ रहने का दबाव बनाया. दूसरी ओर पप्पू ने पुलिस को बताया कि अनूप ने उसकी गैरमौजूदगी में उसकी पत्नी से नजदीकियां बढ़ाईं और उसे अपने साथ रहने पर मजबूर कर दिया.

शादी में समझौता या सौदा?
मामले का सबसे हैरान करने वाला पहलू तब सामने आया जब पप्पू की पत्नी ने समझौते के लिए 5 लाख रुपए और नई बाइक की मांग रखी. सवाल यह है कि क्या शादी अब समझौते का सौदा बन गई है? जहां कभी रिश्ता भरोसे और प्यार पर टिकता था, वहीं अब यह लेन-देन और दबाव में बदलता दिखाई देता है. यह सिर्फ एक केस नहीं है, बल्कि समाज में रिश्तों की बदलती सोच का आईना भी है.

क्‍या है वाइफ स्वैपिं?
पश्चिमी देशों में इसे Wife Swapping या Swinging कहा जाता है. वहां कुछ कपल आपसी सहमति से पार्टनर एक्सचेंज करते हैं. हालांकि यह चलन अभी भी बहस और आलोचना का विषय है. भारतीय समाज में जहां शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता है, वहां इस तरह का चलन सामाजिक मर्यादा तोड़ने जैसा है.

रिश्तों में विश्वास की कमी–
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों की जड़ आपसी अविश्वास, वैवाहिक जीवन में असंतोष और आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी परेशानियों में छिपी होती है. जब पति–पत्नी के बीच बातचीत और भरोसा कमजोर होता है, तब कई बार लोग ऐसे रास्ते तलाशते हैं, जो अंततः रिश्ते को और ज्यादा बिगाड़ देते हैं.

एक्सपर्ट की राय
साइकोलॉजिस्ट्स का मानना है कि किसी भी रिश्ते की नींव विश्वास, सम्मान और संवाद पर टिकी होती है. अगर दांपत्य जीवन में समस्याएं हैं तो उसका हल बातचीत, काउंसलिंग या आपसी समझदारी से निकालना चाहिए, न कि पार्टनर बदलकर. वरना यह कदम न केवल रिश्तों को तोड़ देता है बल्कि कानूनी पचड़ों और सामाजिक कलंक में भी फंसा सकता है.

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