लेकिन जॉनी वॉकर ब्लू लेबल इतनी खास क्यों है? जैसा कि मास्टर ब्लेंडर डॉ. एम्मा वॉकर (ब्रांड के इतिहास में यह पद पाने वाली पहली महिला) बताती हैं, “जॉनी वॉकर ब्लू लेबल विलासिता का प्रतीक है, जिसे केवल उच्चतम गुणवत्ता वाली व्हिस्की के बनाने के कौशल का इस्तेमाल करके तैयार किया गया है. इसीलिए जॉनी वॉकर हर रेस्त्रा, हर पार्टी और जश्न की शान है. इसने सिर्फ व्हिस्की बाजार में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है. ब्लेंडेड व्हिस्की की यह श्रृंखला हर तरह के स्वाद, जरूरतों और बजट को पूरा करती है. इसमें रेड लेबल के आदर्श कॉकटेल मिक्सर से लेकर प्रीमियम ब्लू लेबल तक जो पुरानी और दुर्लभ व्हिस्की का मिश्रण है शामिल हैं. यह स्पिरिट अपने आप में उतनी ही असाधारण है जितनी आप जॉनी वॉकर के प्रीमियम ब्लेंड से उम्मीद करते हैं – एक सच्चा लजीज अनुभव. इसकी रेड लेबल और ब्लैक लेबल दुनिया की दो सबसे लोकप्रिय ब्लेंडेड व्हिस्की हैं.
इसकी शुरुआत संस्थापक जॉन वॉकर ने की थी.
जॉनी वॉकर का इतिहास
जॉन वॉकर का जन्म 25 जुलाई 1805 को किल्मरनॉक के पास टोड्रिग्स फॉर्म में हुआ था. 1819 में अपने पिता की मृत्यु के बाद जॉन वॉकर ने टोड्रिग्स फॉर्म की संपत्ति बेच दी और मात्र 14 वर्ष की उम्र में 1820 में किल्मरनॉक में एक किराने की दुकान में निवेश कर दिया. 1825 तक उन्होंने अपना व्यवसाय बढ़ाकर रम, ब्रांडी, जिन और व्हिस्की बेचने वाले स्पिरिट व्यापारी के रूप में भी काम करना शुरू कर दिया था. शराब न पीने के बावजूद जॉन वॉकर ने ऑर्डर पर तैयार ब्लेंडेड व्हिस्की और सिंगल माल्ट बेचे. 1850 में ब्लेंडेड माल्ट का अपना ब्रांड, ‘वॉकर्स किल्मरनॉक व्हिस्की’, बाजार में उतारा. 1852 में किल्मरनॉक में आयी बाढ़ ने वॉकर के स्टॉक को नष्ट कर दिया. जिससे परिवार का व्यवसाय लगभग बंद हो गया और स्कॉटलैंड के ब्लेंडेड व्हिस्की उद्योग में भारी बदलाव आ गया. 1856 में जॉन के बेटे अलेक्जेंडर वॉकर अपने पिता के साथ व्यवसाय में शामिल हो गए. उन्होंने जॉन वॉकर एंड संस कंपनी बनाई. 1857 में जॉन वॉकर के निधन के बाद अलेक्जेंडर वॉकर को कंपनी विरासत में मिली.
जॉनी वॉकर ब्रांड का निर्माण
अलेक्जेंडर वॉकर के प्रबंधन में कंपनी एक समर्पित व्हिस्की ब्लेंडर के रूप में स्थापित हुई. 1860 में अलेक्जेंडर वॉकर ने ‘वॉकर्स किल्मरनॉक व्हिस्की’ के निर्यात के लिए जॉनी वॉकर की प्रतिष्ठित चौकोर किनारों वाली बोतल पेश की. चौकोर बोतल के कारण एक ही जगह में अधिक बोतलें पैक की जा सकती थीं और टूट-फूट कम होती थी. 1865 में अलेक्जेंडर वॉकर ने ‘ओल्ड हाईलैंड व्हिस्की’ ब्लेंड तैयार किया. उन्होंने 1867 में इस ब्लेंड का कॉपीराइट रजिस्टर्ड कराया. उस समय तक जॉन वॉकर एंड संस सालाना 1,00,000 गैलन ब्लेंडेड व्हिस्की बेच रहा था. जॉनी वॉकर ब्रांड के विशिष्ट तिरछे लेबल को 1877 में अलेक्जेंडर वॉकर द्वारा ट्रेडमार्क कराया गया था. यह जॉनी वॉकर व्हिस्की की एक विशिष्ट विशेषता बनी हुई है.
इस ब्रांड का विस्तार
1889 में अलेक्जेंडर वॉकर की मृत्यु के बाद जॉन वॉकर एंड संस का कंट्रोल उनके बेटों अलेक्जेंडर द्वितीय और जॉर्ज पी. वॉकर के पास चला गया. 1893 में जॉन वॉकर एंड संस ने अपने मिश्रणों के लिए ओल्ड हाइलैंड व्हिस्की के मुख्य माल्ट के स्टॉक को सुरक्षित रखने के लिए कार्डू डिस्टिलरी को खरीद लिया. आज भी कार्डू जॉनी वॉकर एक अभिन्न अंग बना हुआ है. जैसे-जैसे उनका विस्तार हुआ उन्होंने बीसवीं सदी में भी डिस्टिलरी खरीदना जारी रखा. जॉन वॉकर एंड संस ने बाद में कई डिस्टिलरी में हिस्सेदारी हासिल कर ली, जिनमें कोलबर्न (1915), क्लाइनलिश, डाइलुआइन एंड टैलिस्कर (1916), और मॉर्टलाच (1923) शामिल हैं.
मिली वैश्विक पहचान
20वीं सदी की शुरुआत जॉन वॉकर एंड संस के लिए तेजी का दौर था. 1906 में ओल्ड हाइलैंड ब्लेंडेड व्हिस्की रेंज का विस्तार तीन संस्करणों तक कर दिया गया. 1909 से ओल्ड हाइलैंड रेंज का नाम बदलकर जॉनी वॉकर के नाम पर रख दिया गया. मौजूदा ओल्ड हाइलैंड उत्पादों का नाम बदलकर रेड लेबल, ब्लैक लेबल और कुछ समय के लिए व्हाइट लेबल कर दिया गया. इस ब्रांड ने वैश्विक पहचान हासिल की है और स्कॉच व्हिस्की उद्योग में नवाचार को बढ़ावा दिया है. 1934 में उनके कौशल और गुणवत्ता को किंग जॉर्ज पंचम द्वारा रॉयल वारंट से सम्मानित किया गया था. जॉनी वॉकर की मुख्य श्रृंखला में आठ अलग-अलग ब्लेंड और कई स्पेशल रिलीज शामिल हैं. जिनमें से कुछ केवल कुछ ही बाजारों में उपलब्ध हैं.
जॉनी वॉकर रेड लेबल.
रेड लेबल: 1906 में जब जॉनी वॉकर ब्रांड का निर्माण हुआ तब मूल रूप से इसे वॉकर स्पेशल ओल्ड हाईलैंड के नाम से जारी किया गया था. 1909 में इसका नाम बदलकर रेड लेबल कर दिया गया. 1945 से जॉनी वॉकर रेड लेबल दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली स्कॉच व्हिस्की के रूप में नंबर एक स्थान पर है. यह 180 देशों में उपलब्ध है. इसके बावजूद 1977 से 1983 के बीच रेड लेबल ब्रिटेन के घरेलू बाजार से आश्चर्यजनक रूप से गायब रही.
डबल ब्लैक: जॉनी वॉकर डबल ब्लैक बाद में ब्रांड की मुख्य श्रृंखला में लोकप्रिय बन गया. जॉनी वॉकर डबल ब्लैक एक अर्ध-पारदर्शी काले रंग की चौकोर बोतल में बोतलबंद है, जिसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि उसमें रखी व्हिस्की का रंग गहरा हो.
गोल्ड लेबल: जॉनी वॉकर गोल्ड लेबल 18-ईयर-ओल्ड ब्लेंड को 1995 में कोर रेंज में शामिल किया गया था. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्लेंडिंग के लिए उपलब्ध व्हिस्की स्टॉक के कम हो जाने के कारण वॉकर के सेंटेनरी ब्लेंड का उत्पादन बंद कर दिया गया था. जॉनी वॉकर गोल्ड लेबल ने कम से कम 18 साल पुरानी 15 अलग-अलग व्हिस्की को मिलाकर इसको फिर से तैयार किया. इसकी लोकप्रियता के बावजूद 2011 में इसे बंद कर दिया गया.फिर इसकी वापसी प्लैटिनम लेबल 18-ईयर-ओल्ड के तौर पर हुई.
जॉनी वॉकर ब्लू लेबल.
लिमिटेड एडीशन: जॉनी वॉकर ने कई संग्रहणीय और दुर्लभ डिकेंटर सीमित संस्करण भी जारी किए हैं. 2007 में, जॉनी वॉकर किंग जॉर्ज पंचम डिकैंटर को जारी किया गया था. जिसकी बोतल पर 1934 में दिए गए रॉयल वारंट का संदर्भ दिया गया था. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की हीरक जयंती के उपलक्ष्य में 2012 में केवल यूके बाजार के लिए एक सीमित-संस्करण जॉनी वॉकर डिकैंटर जारी किया गया था.
भारत में जॉनी वॉकर (750 मिलीलीटर की बोतल के लिए अनुमानित कीमतें):
रेड लेबल (Red Label): ₹1,700 से ₹2,200
ब्लैक लेबल (Black Label): ₹3,310 से ₹3,800
ग्रीन लेबल (Green Label): ₹4,100 से ₹5,200
डबल ब्लैक लेबल (Double Black Label): ₹3,200 से ₹5,400
गोल्ड लेबल रिजर्व (Gold Label Reserve): ₹7,650 से ₹8,250
प्लैटिनम लेबल (Platinum Label): यह अब आमतौर पर “जॉनी वॉकर 18 ईयर ओल्ड” के रूप में जाना जाता है और इसकी कीमत लगभग ₹7,865 से ₹11,450 हो सकती है
ब्लू लेबल (Blue Label): ₹31,760 से ₹35,000
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