निमाड़ की अजब गजब परंपरा…रक्षाबंधन से पहले ऐसी चीज लेकर पहुंचता है भाई, देख हो जाएंगे हैरान!

Last Updated:

Rakshabandhan in Nimar: मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में रक्षाबंधन से पहले निभाई जाती है ‘वीरपोस’ परंपरा, जिसमें भाई बहन के घर अनाज, कपड़े और मिठाई लेकर जाता है. जानिए इस परंपरा के पीछे छिपे सामाजिक और भावनात्म…और पढ़ें

मध्यप्रदेश का मालवा-निमाड़ क्षेत्र सिर्फ अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए नहीं जाना जाता, बल्कि यहां की परंपराएं भी इतनी जीवंत और आत्मीय होती हैं कि आधुनिक समय में भी इनका महत्व कम नहीं हुआ है. ऐसी ही एक अनूठी और दिल को छू लेने वाली परंपरा है ‘वीरपोस’.

क्या है वीरपोस?

वीरपोस’ एक लोक परंपरा है जो रक्षाबंधन से लगभग पंद्रह दिन पहले निभाई जाती है. इस परंपरा में भाई अपनी बहन के घर अनाज, कपड़े, मिठाई और उपहार लेकर पहुंचता है. ये केवल चीजें नहीं होतीं ये होते हैं प्रेम, सम्मान और जिम्मेदारी के प्रतीक.

भाई गेहूं, चावल, दाल, वस्त्र और कभी-कभी सूखे मेवे या मिठाई लेकर जाता है. यह परंपरा बताती है कि भाई सिर्फ एक दिन रक्षा का वादा करने नहीं आता, बल्कि हर परिस्थिति में बहन के साथ खड़ा रहता है.

कहां से शुरू हुई ये परंपरा?

वीरपोस की जड़ें मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में गहराई तक फैली हैं. जब पहले की बहनें विवाह के बाद दूर के गांवों में चली जाती थीं और मायके बार-बार नहीं आ पाती थीं, तब भाई त्योहारों पर उनसे मिलने और सहयोग करने स्वयं पहुंचता था. यह परंपरा उसी आत्मीय भाव का विस्तार है.

एक रिश्ता, जो केवल राखी तक सीमित नहीं

वीरपोस केवल रस्म नहीं, बल्कि एक जीवन भर की जिम्मेदारी और भावनात्मक जुड़ाव है. बहनों के लिए यह सिर्फ उपहार नहीं, एक भरोसा होता है कि उनका भाई उन्हें कभी अकेला नहीं छोड़ेगा. कई मामलों में यह आर्थिक सहयोग का एक अहम जरिया भी है.

निमाड़ के उदाहरण जो प्रेरणा बन गए

जयदीप कुशवाह ने अपनी बुआ के यहां वीरपोस देकर यह साबित किया कि हर बहन मायने रखती है, चाहे वह सगी हो या नहीं.

डॉ. सेवकराम मालवीया खार से चलकर अपनी बहन भगवती बाई के कुमठा (खंडवा) घर पहुंचे.

सोनम और राहुल करोड़ी बड़गांव गुर्जर से खंडवा पहुंचे अपनी बहन मनीषा को वीरपोस देने.

दिनेश चौधरी और भावेश पटेल जैसे कई भाई आज भी यह परंपरा पूरे सम्मान के साथ निभा रहे हैं.

क्यों ज़रूरी है आज भी वीरपोस?

आज जब परिवारों में दूरी और व्यस्तता बढ़ रही है, ऐसे समय में वीरपोस जैसी परंपराएं रिश्तों को फिर से जोड़ने और मजबूत करने का काम करती हैं. यह न सिर्फ भाई-बहन के प्रेम को दर्शाती है, बल्कि समाज में सहयोग और संवेदना को भी बढ़ावा देती है.

homemadhya-pradesh

रक्षाबंधन से पहले ऐसी चीज लेकर पहुंचता है भाई, देख हो जाएंगे हैरान!

.

Source link

Share me..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *