Operation Sindoor के वो 23 मिनट, सेना के अफसर ने छात्रों को बताया सच

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Sagar News: मध्य प्रदेश के सागर के सिरोंजा स्थित BTIRT कॉलेज में इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स के लिए आउट रीच प्रोग्राम का आयोजन किया गया. इसमें 36 RAPID के मेजर जनरल केटीजी कृष्णन, कॉलेज के चेयरमेन सतेंद्र जैन, टी…और पढ़ें

सागर. भारतीय सेनाओं के ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की खबरें तैर रही हैं. फेक खबरों को कंट्रोल करने, ऑपरेशन की सच्चाई बताने और युवाओं से सैन्य नागरिक बनने का आह्वान किया जा रहा है. भारतीय सेना के बड़े-बड़े अफसर खुद मैदान में आकर भारतीय सेना, भारतीय सशस्त्र बलों के साहस की गाथा, रणनीतिक कौशल और राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक ऑपरेशन सिंदूर को बड़ी ही बारीकी से स्टूडेंट्स के बीच रख रहे हैं. 15 अगस्त तक अलग-अलग कॉलेज में जाकर छात्रों को ऑपरेशन सिंदूर के पूरे मिशन की विस्तार से जानकारी दे रहे हैं. इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स पर मुख्य रूप से फोकस किया जा रहा है. आउट रीच प्रोग्राम के माध्यम से बताया जा रहा है कि अगर वह सेना संबंधी फेक न्यूज को फॉरवर्ड नहीं करेंगे, तो यह भी आर्मी का सहयोग ही होगा और इस तरह की न्यूज को कंट्रोल कर वह सैन्य नागरिक बन सकते हैं.

मध्य प्रदेश के सागर के सिरोंजा में स्थित बीटीआईआरटी कॉलेज में इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं के लिए आउट रीच प्रोग्राम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में 36 RAPID के मेजर जनरल केटीजी कृष्णन, कॉलेज के चेयरमेन सतेंद्र जैन, कॉलेज के टीचर और स्टूडेंट्स मौजूद रहे. अपने संबोधन में मेजर जनरल कृष्णन ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी. इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. यह एक तेज 23 मिनट का सटीक हमला था, जिसमें ड्रोन और मिसाइल सिस्टम का उपयोग कर पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया गया.

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आतंकवादी नेटवर्क को जवाबदेह ठहराना
उन्होंने संयम और सटीकता पर जोर देते हुए इसे ध्यान केंद्रित, नियंत्रित और गैर उत्तेजक बताया. उन्होंने कहा कि इस मिशन का उद्देश्य स्पष्ट था कि पाकिस्तानी सेना नहीं बल्कि आतंकवादी नेटवर्क को जवाबदेह ठहराना और भारत के सैन्य सिद्धांत में एक नई संतुलित नीति को लागू करना. मेजर जनरल कृष्णन ने ऑपरेशन सिंदूर में उपयोग की जाने वाली स्वदेशी तकनीकों को प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया, जिसमें अत्याधुनिक ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरण और सटीक मिसाइल सिस्टम शामिल थे. एक महत्वपूर्ण पहलू था भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के बीच त्रि-स्तरीय तालमेल. उन्होंने बताया कि इन हमलों ने 100 से ज्यादा आतंकवादियों का खात्मा किया गया, साथ ही मिनटों में पाकिस्तानी हवाई रक्षा को भी असफल किया गया, जो भारत की प्रगतिशील इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता का प्रमाण है.

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