मुंबई4 मिनट पहले
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ऑटोमोबाईल कंपनी टाटा मोटर्स को वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 3,924 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार पर यह 63% कम रहा है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का मुनाफा 5,643 करोड़ रुपए था।
अप्रैल-जून तिमाही में ऑपरेशन से कंपनी का रेवेन्यू 1.04 लाख करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में टाटा मोटर्स ने 1.07 लाख करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। सालाना आधार पर यह 2.51% घटा है।
वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। टाटा मोटर्स ने आज शुक्रवार (08 अगस्त) को अप्रैल-जून तिमाही और सालाना नतीजे जारी किए हैं।
टाटा मोटर्स की टोटल इनकम 2.47% घटी
पहली तिमाही में टाटा मोटर्स की टोटल इनकम सालाना आधार पर 2.47% घटकर 1.06 लाख करोड़ रुपए रही। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी की टोटल इनकम 1.09 लाख करोड़ रुपए रही थी।
क्या कंपनी के नतीजे उम्मीद से अच्छे हैं?
बाजार के जानकारों को उम्मीद थी कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में टाटा मोटर्स का प्रॉफिट 3,121 करोड़ रुपए होगा। इस हिसाब से देखा जाए तो कंपनी ने मार्केट विश्लेषकों की उम्मीद से बेहतर परफॉर्म किया है।
इस साल में अब तक शेयर का परफॉर्मेंस कैसा रहा?
रिजल्ट से पहले टाटा मोटर्स का शेयर आज 2.43% की गिरावट के साथ 630.80 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। कंपनी का शेयर एक महीने में 9% और 6 महीने में 10% गिरा है। एक साल में कंपनी का शेयर 40% गिरा है। टाटा मोटर्स का मार्केट-कैप 2.33 लाख करोड़ रुपए है।
कॉन्सोलिडेटेड मुनाफा मतलब पूरे ग्रुप का प्रदर्शन
कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कॉन्सोलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट या सेगमेंट का फाइनेंशियल परफॉर्मेंस दिखाया जाता है। जबकि, कॉन्सोलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी का डेटा जारी होता है।
यहां, टाटा मोटर्स की जगुआर लैंड रोवर जैसी 100 से ज्यादा सब्सिडियरी और एसोसिएट कंपनियां हैं। इन सभी के फाइनेंशियल रिपोर्ट को मिलाकर कॉन्सोलिडेटेड कहा जाएगा। वहीं, अगर जगुआर लैंड रोवर के अलग रिजल्ट को स्टैंडअलोन कहा जाएगा।

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