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Silaav Khaja in Samastipur: समस्तीपुर में अब नालंदा का प्रसिद्ध सिलाव खाजा आसानी से मिल रहा है. ताजपुर में राहुल कुमार ने नालंदा के कारीगरों की मदद से इसे बनाना शुरू किया है. मिठाई की कीमत ₹160 प्रति किलो है. य…और पढ़ें
समस्तीपुरः नालंदा जिले का विश्व प्रसिद्ध सिलाव खाजा, जो अपनी खस्ता, कुरकुरी और अनोखी मिठास के लिए जाना जाता है, अब समस्तीपुर जिले के लोगों को भी आसानी से मिल रहा है. आलम यह है कि लोग इसके लाजवाब स्वाद के दीवाने होते जा रहे हैं. पारंपरिक रूप से यह मिठाई सिर्फ नालंदा के सिलाव क्षेत्र तक ही सीमित थी, लेकिन अब नालंदा के कुशल कारीगरों की मदद से समस्तीपुर के ताजपुर प्रखंड में भी इसे तैयार किया जा रहा है. यह 52 परतों में रहता है. साथ ही इसको जीआई टैग भी मिल चुका है.
ताजपुर में मिल रहा नालंदा वाला स्वाद
ताजपुर के गांधी चौक के पास स्थित एक दुकान पर सिलाव खाजा को उसी प्रामाणिक स्वाद और गुणवत्ता के साथ बनाया जा रहा है, जिसके लिए नालंदा प्रसिद्ध है. ग्राहक एक बार चखने के बाद बार-बार इस दुकान पर खींचे चले आते हैं. खासियत यह है कि यहां सिर्फ मीठा खाजा ही नहीं, बल्कि नमकीन खाजा भी उपलब्ध है, जो ग्राहकों को एक नया अनुभव दे रहा है. शादी, तिलक, मुंडन या किसी भी मांगलिक कार्य में इस मिठाई की भारी मांग रहती है, जिससे इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है.
शादियों में ‘क्विंटल‘ में बिक रहा खाजा
दुकान के संचालक राहुल कुमार ने बताया कि उन्होंने नालंदा से ही विशेष कारीगरों को बुलाकर ताजपुर में खाजा बनाना शुरू किया है. राहुल का कहना है कि पहले समस्तीपुर के लोगों को खाजा मंगवाने के लिए राजगीर या सिलाव जाना पड़ता था, लेकिन अब वही बेजोड़ स्वाद उनके अपने ताजपुर में उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि शादी-ब्याह और तिलक जैसे शुभ अवसरों पर लोग बड़ी मात्रा में खाजा खरीदने आते हैं, कोई 1-2 किलो तो कोई 50 किलो तक ले जाता है. शादी-विवाह के सीजन में तो खाजा की बिक्री एक दिन में एक क्विंटल (100 किलो) से भी ऊपर पहुंच जाती है. ग्राहकों में थोक और खुदरा, दोनों तरह के खरीदार शामिल होते हैं.
कीमत और खासियत
कीमत की बात करें तो मीठे खाजा की कीमत ₹160 प्रति किलो है, जबकि नमकीन खाजा ₹200 प्रति किलो में बिक रहा है. राहुल कुमार बताते हैं कि यह मिठाई सालभर बिकती है, लेकिन त्योहारों और शादी-ब्याह के सीजन में इसकी मांग कई गुना बढ़ जाती है. सिलाव खाजा की बनावट ऐसी होती है कि यह बेहद कुरकुरा होता है और लंबे समय तक खराब नहीं होता, यही वजह है कि लोग इसे दूर-दराज के इलाकों में उपहार या प्रसाद के तौर पर ले जाने में भी संकोच नहीं करते. ताजपुर में इस स्वादिष्ट खाजा की उपलब्धता ने स्थानीय लोगों को नालंदा जाने की जरूरत से मुक्ति दिला दी है और समस्तीपुर को भी एक नई पहचान मिली है. मिठाई प्रेमियों के लिए अब उनके जिले में ही नालंदा के स्वाद वाला सिलाव खाजा उपलब्ध है.
Amit ranjan
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले…और पढ़ें
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले… और पढ़ें
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