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भारतीय फुटबॉल टीम का मुख्य कोच बनने के बाद पहली टीम का चयन करते हुए खालिद जमील ने कुछ नए चेहरों पर दांव खेला है। इनमें सेना के डिफेंडर सुनील बेंचमिन भी शामिल हैं जिन्होंने डूरंड कप के दौरान ध्यान खींचा।
काफा नेशंस कप के लिए भारतीय टीम में दिग्गज फुटबॉलर सुनील छेत्री को जगह नहीं मिली। भारतीय फुटबॉल टीम का मुख्य कोच बनने के बाद पहली टीम का चयन करते हुए खालिद जमील ने कुछ नए चेहरों पर दांव खेला है। इनमें सेना के डिफेंडर सुनील बेंचमिन भी शामिल हैं जिन्होंने डूरंड कप के दौरान ध्यान खींचा।
खालिद जमील की टीम से बड़ा नाम गायब है। ये बड़ा नाम सुनील छेत्री हैं जो 2024 में संन्यास ले चुके थे। इस साल संन्यास से वापस लौटे। वह अब 29 अगस्त से ताजिकिस्तान के हिसोर में होने वाले मध्य एशियाई टूर्नामेंट के लिए भारत 35 खिलाड़ियो की संभावित सूची में भी शामिल नहीं हैं।
इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है कि छेत्री को टीम में क्यों नहीं शामिल किया गया है। न तो खिलाड़ी की ओर से और न ही महासंघ की और से कुछ कहा गया है। महासंघ ने कहा कि, चयन संबंधी सवाल मुख्य कोच से पूछे जाने चाहिए। जमील ने भी कोई बयान नहीं दिया।
छेत्री को ऐसे समय पर नजरअंदाज किया गया है जब उनके क्लब बेंगलुरु एफसी ने हाल ही में इंडियन सुपर लीग को लेकर अनिश्चितता के कारण पहली टीम और कर्मचारियों के वेतन रोक दिए हैं। फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड और अखिल भारतीय फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के बीच समझौते के विस्तार को लेकर गतिरोध और सुप्रीम कोर्ट में लंबित एक मामले के कारण आईएसएल का भविष्य अधर में है।
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