1 घंटे पहले
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17 अगस्त की शाम सूर्य राशि बदलकर कर्क से सिंह में आ गया है। अब ये ग्रह 17 सितंबर तक इसी राशि में रहेगा। ये सूर्य के स्वामित्व वाली राशि है। ये एकमात्र राशि है, जिसका स्वामी सूर्य है। सूर्य अपनी सिंह राशि में अधिक प्रबल हो जाता है। सूर्य के दोष दूर करने के लिए रोज सुबह उगते सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। जल चढ़ाते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करना चाहिए।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए सभी 12 राशियों के लिए कैसा रह सकता है आने वाला समय…
सूर्य पंचम भाव में रहेगा, जो आत्मबल बढ़ाने वाला सिद्ध होगा। सभी दिशा से सहयोग मिलेगा, निर्णय सटीक होंगे और कार्य सफलतापूर्वक पूरे होंगे। संतान से सुख और सरकारी लाभ की संभावना है।
- वृषभ राशि
सूर्य चतुर्थ भाव में होने से कुछ बाधाएं हो सकती हैं। इसलिए सतर्क रहना होगा। निवेश सोच-समझकर करें और जल्दबाजी से बचें।
- मिथुन राशि
सूर्य तृतीय भाव में रहकर विशेष कार्यों की योजना को गति देगा। मन प्रसन्न रहेगा और नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति मिल सकती है।
- कर्क राशि
द्वितीय भाव का सूर्य लाभदायक रहेगा। प्रयासों में सफलता मिलेगी और नई जिम्मेदारियां और नए कार्यों की प्राप्ति संभव है।
- सिंह राशि
स्वराशि का सूर्य प्रथम भाव में प्रभावी रहेगा। आत्मबल में वृद्धि होगी, कार्य व्यवस्थित होंगे और मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
- कन्या राशि
द्वादश भाव का सूर्य मानसिक चिंता में वृद्धि कर सकता है। आत्मविश्वास में कमी आ सकती है और दूसरों के व्यवहार से तनाव संभव है।
- तुला राशि
एकादश भाव का सूर्य शक्ति और आत्मनिर्भरता प्रदान करेगा। आप सहयोग के बिना भी कार्यों को सफलतापूर्वक कर पाएंगे और प्रशंसा भी मिलेगी।
- वृश्चिक राशि
दशम भाव का सूर्य पूरी तरह से अनुकूल है। कार्यों में रूचि बनी रहेगी, सफलता प्राप्त होगी और व्यवसाय में लाभ संभव है। नई योजनाएं कारगर साबित होंगी।
नवम भाव का सूर्य किसी नए व्यवसाय की ओर आकर्षण बढ़ा सकता है। नौकरी में बदलाव के योग बनेंगे। नए संपर्क लाभकारी होंगे और चुनौतियों पर विजय प्राप्त करेंगे।
अष्टम भाव का सूर्य कुछ परेशानियां उत्पन्न कर सकता है। अति विश्वास से बचें और सभी कार्यों में सावधानी बरतें।
- कुंभ राशि
सप्तम भाव का सूर्य किसी विद्वान से मुलाकात करवा सकता है। आत्मबल में वृद्धि होगी और कोई शुभ समाचार मिल सकता है। विवाह योग्य लोगों को विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं।
षष्ठम भाव का सूर्य शत्रुओं पर विजय दिलाने वाला सिद्ध होगा। विशेष कार्यों में सफलता मिलेगी, कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय और पदोन्नति संभव है।
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