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कोलकाता के एक छोटे से स्टूडियो से शुरू हुई सब्यसाची मुखर्जी की कहानी आज एक वैश्विक लग्जरी साम्राज्य बन चुकी है. तीन कर्मचारियों से शुरू हुआ यह सफर अब 500 करोड़ रुपये के ब्रांड में बदल गया है. उनके डिजाइन भारतीय परंपरा, कला और आधुनिकता का ऐसा संगम हैं, जिसने भारत को फैशन की दुनिया में नई पहचान दी है.
नई दिल्ली. कोलकाता के एक छोटे से स्टूडियो में सिर्फ तीन कर्मचारियों के साथ सब्यसाची मुखर्जी की यह प्रेरणादायक कहानी शुरू हुई थी. सीमित साधनों और बड़े सपनों के साथ उन्होंने भारतीय फैशन की दुनिया में कदम रखा. सब्यसाची मुखर्जी ने महज 17 साल की उम्र में डिप्रेशन का दंश सहा. मगर अपने काम से उन्होंने एक पहचान बनाई. शुरुआत में उनके पास नाम नहीं था, पहचान नहीं थी, लेकिन उनके डिजाइन में एक बात थी जो सबको अलग लगी- भारतीयता की झलक और कला की गहराई. धीरे-धीरे उनका काम चर्चा में आने लगा और यही एक छोटे स्टूडियो को एक अंतरराष्ट्रीय फैशन ब्रांड की नींव बना गया. आज बॉलीवुड की कई हसीनाएं उनके फैशन ब्रॉन्ड का इस्तेमाल करती हैं. इनमें एश्वर्या राय से लेकर श्रद्धा कपूर तक का नाम शामिल है.
पढ़ाई और निजी जीवन
उन्होंने कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी. अपने किशोर जीवन में उन्होंने डिप्रेशन का मुकाबला किया. आगे चलकर सब्यसाची मुखर्जी ने कोलकाता के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) में दाखिला लिया. 1999 में उन्होंने कोलकाता में एक छोटे स्टूडियो से अपने ब्रांड ‘Sabyasachi’ की शुरुआत की. उस समय उनके साथ सिर्फ तीन कर्मचारी थे.सब्यसाची मुखर्जी का अब तक विवाह नहीं हुआ है. वे अपने काम और कला के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं.
परंपरा और आधुनिकता का अनोखा मेल
सब्यसाची मुखर्जी का जन्म 23 फरवरी 1974 को कोलकाता में हुआ था. उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे, जबकि मां कला शिक्षिका (Art Teacher) थीं. बचपन में सब्यसाची का रुझान कला, रंग और कपड़ों की ओर बहुत गहरा था. उनकी मां ने उन्हें हाथ से सिलाई, कपड़ों का चयन और भारतीय हस्तकला के महत्व के बारे में सिखाया था. सब्यसाची के डिजाइन सिर्फ कपड़े नहीं, बल्कि एक कहानी होते हैं- भारतीय संस्कृति, हस्तकला और आधुनिक सादगी की. श्रद्धा कपूर से लेकर ऐश्वर्या राय तक, बॉलीवुड के बड़े सितारे उनके डिजाइनों के दीवाने हैं. उनका हर आउटफिट भारतीय कारीगरों की मेहनत और पारंपरिक कलाओं की सुंदरता को प्रदर्शित करता है. उनके कलेक्शन में पुराने ज़माने की शान और आधुनिक फैशन का अद्भुत मेल देखने को मिलता है, जो युवाओं को भी अपनी ओर खींचता है.
फैशन से आगे, एक भारतीय पहचान
आज सब्यसाची सिर्फ एक डिजाइनर नहीं, बल्कि भारतीय लग्जरी का चेहरा बन चुके हैं. उनके ब्रांड में न सिर्फ कपड़े, बल्कि ज्वेलरी, लेदर गुड्स और होम डेकोर तक शामिल हैं. उन्होंने भारतीय हस्तकला को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है. हर कलेक्शन में भारतीयता झलकती है, और यही उनकी सबसे बड़ी सफलता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2022 में उनकी नेटवर्थ लगभग 114 करोड़ रुपये थी. 2024 में यह आंकड़ा लगभग 224 करोड़ रुपये तक पहुंचने की खबरें हैं. साथ ही, उनके ब्रांड के टर्नओवर और मूल्यांकन की रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि उनका लेबल 500 करोड़ रुपये के ग्लोबल फैशन साम्राज्य के रूप में देखा जा रहा है.
भारतीय लग्जरी का नया अध्याय
500 करोड़ रुपये का यह ग्लोबल फैशन साम्राज्य आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुका है. सब्यसाची ने दिखाया कि अगर जुनून और दृष्टि सही हो, तो भारतीय परंपरा भी दुनिया के हर मंच पर चमक सकती है. वे सिर्फ एक ब्रांड नहीं बना रहे, बल्कि भारत की लग्जरी पहचान को नए युग में परिभाषित कर रहे हैं- एक ऐसी पहचान, जिस पर हर भारतीय को गर्व हो.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
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