Last Updated:
MP Ajab Gajab Village: मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित ‘घुंच्चू’ गांव अपने अनोखे नाम के कारण चर्चा में है. इस गांव का नाम एक विशेष पौधे पर रखा गया है, जिसका उपयोग औषधि और शादी-ब्याह तक में होता है, जानिए इस…और पढ़ें
Ghunchu Village. छतरपुर जिले के राजनगर के अंतर्गत आने वाला गांव घुंच्चू , जो अपने नाम के लिए प्रसिद्ध है. क्योंकि जिस व्यक्ति की भी नजर गांव के नाम पर जाती है तो वे इस गांव की चर्चा जरूर करते हैं. हालांकि, हर जगह ही शहरों और गांवों के अजीबों-गरीब नाम सुनने को मिल जाते हैं.
पुराने बुजुर्गों ने रखा नाम
गांव के लोग बताते हैं कि इस गांव का नाम घुंच्चू गांव के ही पुराने लोगों ने रखा है. यह नाम आज का नहीं है बहुत ही पुराना है कई पीढ़ियां गुजर गईं.
पौधे के नाम पर रखा गांव का नाम
रामप्रसाद शुक्ला बताते हैं कि इस गांव का नाम एक पेड़ के नाम पर रखा गया है. इस पौधे को यहां घुंच्चू के नाम से जाना जाता है. पुराने बुजुर्ग बताते आए हैं कि गांव में घुंच्चू के पौधे बहुत पाए जाते थे. इसलिए इस गांव का नाम घुंच्चू ही रख दिया.
रामप्रसाद शुक्ला बताते हैं कि इस गांव का नाम एक पेड़ के नाम पर रखा गया है. इस पौधे को यहां घुंच्चू के नाम से जाना जाता है. पुराने बुजुर्ग बताते आए हैं कि गांव में घुंच्चू के पौधे बहुत पाए जाते थे. इसलिए इस गांव का नाम घुंच्चू ही रख दिया.
औषधि में होता है उपयोग
ग्रामीण बताते हैं कि घुंच्चू एक ऐसा पौधा होता है जिसका उपयोग औषधि से लेकर शादियों में किया जाता है. बाजारों में ये बेचा भी जाता है. सुनारों की दुकानों में भी यह घुंच्चू आपको देखने को मिल जाता है.
दुर्लभ ही मिलते हैं इसके पेड़
ग्रामीण बताते हैं कि इस गांव में आज भी घुंच्चू के पौधे देखने को मिल जाते हैं. बरसात के सीजन में सबसे ज्यादा उगते हैं. हालांकि, यह क्षेत्र में अब कम ही देखने को मिलते हैं. क्योंकि यह ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में होते हैं, जंगलों में होते हैं. इसलिए अब यह दुर्लभ पेड़ माना जाता है.
ग्रामीण बताते हैं कि इस गांव में आज भी घुंच्चू के पौधे देखने को मिल जाते हैं. बरसात के सीजन में सबसे ज्यादा उगते हैं. हालांकि, यह क्षेत्र में अब कम ही देखने को मिलते हैं. क्योंकि यह ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में होते हैं, जंगलों में होते हैं. इसलिए अब यह दुर्लभ पेड़ माना जाता है.
.