रांची: आज हम आपको तीन ऐसी महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी कहानी सुनकर आप उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाएंगे. ये महिलाएं आपको सिखाएंगी कि आपदा को कैसे अवसर में बदला जाता है. एक समय था जब इन महिलाओं के पास ओवन खरीदने के पैसे भी नहीं थे, लेकिन आज उन्होंने बिना ओवन के ऐसा पिज्जा बनाया कि पूरा रांची दीवाना हो गया है.
3 आदिवासी महिलाओं की कहानी
हम बात कर रहे हैं तीन आदिवासी महिलाएं की कहानी के बारे में. ये तीन महिलाएं कोई और नहीं, मोनिका, मंजू और देवी ही हैं. इन्हें पिज्जा खाने और बनाने का बहुत शौक था, लेकिन उनके पास ओवन नहीं था. तब उन्होंने सोचा कि जब लकड़ी की आंच में खाना बन सकता है तो पिज्जा क्यों नहीं. उन्होंने एक इग्लू बनाया और उसमें एक तरफ लकड़ी जलाकर पिज्जा बनाने का काम किया.
फ्रेश पिज्जा का अनोखा स्वाद
इस पिज्जे का स्वाद और कहीं नहीं मिलेगा. अगर आप एक बार खा लेते हैं, तो यकीन मानिए, दोबारा दौड़े चले आएंगे, चाहे आपको 50 किलोमीटर दूर से ही क्यों ना आना पड़े. ये महिलाएं फ्रेश बेस तैयार करती हैं और उसमें घर में बनी टमाटर की चटनी, बेसिल पत्ते, कुछ हर्ब और चीज डालकर इग्लू में पकाती हैं. यहां छोटे पिज्जा की कीमत 80 रुपए और बड़े पिज्जा की कीमत 300 रुपए है.
ऑथेंटिक इटालियन स्वाद
यहां के पिज्जा में किसी भी तरह का प्रिजर्वेटिव या ज्यादा क्रीम और भारी चीजों का प्रयोग नहीं होता है. आपको यहां का पिज्जा बहुत ही ऑथेंटिक टेस्ट लगेगा, जैसे आप इटली का पिज्जा खा रहे हों. मोनिका बताती हैं कि हर दिन ₹4000 रुपए का पिज्जा की सीलिंग तो हो ही जाती है. लोग एडवांस ऑर्डर करने लगते हैं.
सभी के लिए स्वादिष्ट
यहां पिज्जा खरीदने आए मनीष बताते हैं कि वह 25 किलोमीटर दूर से आ रहे हैं. यहां का पिज्जा बहुत फ्रेश होता है और इसमें बहुत ज्यादा क्रीम नहीं होती है. एकदम घर का बनाया गया चटनी और चीज होती है. वहीं, ऊपर से लकड़ी की आंच में तैयार किया जाता है. यह इतना मुलायम होता है कि बिना दांत के लोग भी खा सकते हैं.यही कारण है कि वह इतनी दूर से सिर्फ पैक कराने के लिए आए हैं. बता दें कि इस शॉप पिज्जा का नाम अमोरे मियो है, जिसे आप गूगल मैप में सर्च कर सकते हैं.
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