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Success Story: लाखों लोग बिजनेस शुरू करना चाहते हैं और करोड़ों की कमाई का सपना देखते हैं लेकिन बिजनेस शुरू करने की हिम्मत सभी के अंदर नहीं होती है. आज हम आपको ऐसे शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने चपरासी के तौर पर काम किया और फिर धीरे-धीरे पेंसिल के बिजनेस को खड़ा कर दिया.

बिजनेस शुरू करने के लिए सिर्फ पैसे नहीं बल्कि हिम्मत की भी जरूरत होती है. आज हम आपको ऐसे 2 शख्स (<span class=”Y2IQFc” lang=”hi”>रसिकभाई रवेशिया और मनसुखलाल राजानी)</span> की कहानी बताएंगे जिन्होंने मिलकर 1973 में पेंसिल की फैक्टरी में काम शुरू किया और 2 साल बाद उन्होंने अपने शहर की पेंसिल वर्कशॉप स्टार्ट की. 30 सालों के लिए उन्होंने इस फैक्टरी में काम किया. इससे वह धीरे-धीरे इंप्रूव हुए और कैपेसिटी को स्केल किया.

भारत का स्टेशनरी बाजार हमेशा से ही अव्यवस्थित रहा है, लेकिन पिछले एक दशक में एक देसी ब्रांड ने सबको चौंका दिया है. ये कंपनी है डोम्स(DOMS) जिसने शुरू में दूसरी बड़ी स्टेशनरी कंपनियों के लिए पेंसिल बनाई थी. फिर 2008 में रसिकभाई के बेटे संतोष रवेशिया ने डोम्स ब्रांड लॉन्च किया. संतोष के पिता का मानना था कि अगली पीढ़ी को बिजनेस में जोड़े रखने के लिए अपना ब्रांड होना जरूरी है.

डोम्स ने शुरुआत सिर्फ तीन प्रोडक्ट्स से की जिसमें पेंसिल, रबड़ और शार्पनर शामिल थे. संतोष ने अपने पिता की सलाह मानी और सबसे मुश्किल बाजार, कर्नाटक, से शुरुआत की. उनके पिता कहते थे कि अगर आप कठिन बाजार में सफल हो गए, तो बाकी जगह आसानी से कामयाबी मिलेगी.

डोम्स ने कर्नाटक में सफलता पाई और फिर उत्तर और पश्चिम भारत में फैल गया. आज उत्तर भारत से 35%, पश्चिम से 25%, और दक्षिण व पूर्व से 20-20% बिक्री होती है. 4500 से ज्यादा चैनल पार्टनर्स और 10,000 रिटेल पॉइंट्स के साथ डोम्स ने बाजार में मजबूत पकड़ बनाई है.

संतोष ने डोम्स को स्टार्टअप की तरह चलाया, लेकिन प्रोडक्ट की क्वालिटी और सही कीमत पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया. मार्केटिंग पर ज्यादा खर्च करने की बजाय, उन्होंने प्रोडक्ट को बेहतर बनाने और रिसर्च पर पैसे लगाए.

साल 2012 में डोम्स ने इटली की कंपनी FILA के साथ साझेदारी की, जिससे उसे ग्लोबल ट्रेंड्स की जानकारी मिली और प्रोडक्ट्स को और बेहतर बनाने में मदद मिली. डोम्स की खास बात ये है कि वो अपने प्रोडक्ट्स खुद बनाता है. पेंसिल का लकड़ा, लेड, पेंट, सब कुछ इन-हाउस तैयार होता है. इससे लागत कम रहती है और क्वालिटी बनी रहती है.

डोम्स ने बच्चों को ध्यान में रखकर प्रोडक्ट्स डिजाइन किए, जो रंग-बिरंगे और त्रिकोण डिजाइन के थे. 2023 में डोम्स ने 1000 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल करने का लक्ष्य रखा, जो उनके कॉम्टिटर्स हिंदुस्तान पेंसिल्स और कैमलिन कोकुयो (लगभग 500 करोड़ रुपये) से काफी ज्यादा था. वित्तीय वर्ष 2022-23 में डोम्स की आय 1,21,189.04 लाख रुपये थी, जो पिछले वित्तीय वर्ष के 68,360.12 लाख रुपये की तुलना में काफी ज्यादा है.
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