टीकमगढ़ में शुक्रवार रात को चेहल्लुम पर्व का आयोजन किया गया। शहर के विभिन्न मोहल्लों से ताजिया निकाले गए। नगर भ्रमण के बाद सभी ताजियों को किले का मैदान में एकत्र किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु ताजिया दर्शन के लिए पहुंचे।
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कार्यक्रम में डीजे की तेज आवाज को लेकर मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने विरोध किया। उनका कहना है कि तेज आवाज से लोगों को परेशानी होती है। समाज के लोगों ने प्रशासन से डीजे चालकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मुस्लिम समाज के सदर अब्दुल रज्जाक ने बताया कि चेहल्लुम शहीद ए कर्बला की याद में हर वर्ष मनाया जाता है। मुस्लिम समाज में इसे अरबीन भी कहा जाता है। यह पर्व त्याग और बलिदान का प्रतीक है। यह त्योहार इमाम हुसैन के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरणा लेने का संदेश देता है।
सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर जगह-जगह पुलिस बल तैनात रहा। टीकमगढ़ में दो दिन ताजिया निकालने की परंपरा है। पहले दिन भ्रमण होता है और दूसरे दिन महेंद्र सागर तालाब स्थित विसर्जन कुंड में ताजिया विसर्जित किए जाते हैं।

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