Snake : सांप काटने पर भी नहीं जाएगी जान, बस फॉलो करें नागलोक वाला गोल्डेन रूल

Snake News: छत्तीसगढ़ में इन दिनों सर्पदंश की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. सांप के काटने के बाद अक्सर घबराहट में लोग ऐसे कदम उठा लेते हैं, जो जानलेवा साबित होते हैं और कई बार यह लापरवाही आसपास के लोगों पर भी भारी पड़ जाती है.पिछले 30 वर्षों से सांपों को बचाने और लोगों को जागरूक करने वाले कोरबा के जाने-माने सर्पमित्र अविनाश यादव ने सर्पदंश के बाद अपनाई जाने वाली महत्वपूर्ण सावधानियों और तुरंत किए जाने वाले उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी दी है जिसका पालन करने से सर्पडांस से पीड़ित व्यक्ति की जान बचाने में कीमती समय मिल पाएगा.

दहशत में कुछ ऐसी गलतियां

अविनाश यादव ने local18 को बताया कि सर्पदंश के बाद अक्सर लोग अज्ञानता या दहशत में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे पीड़ित की जान खतरे में पड़ जाती है. उनकी दशकों की विशेषज्ञता बताती है कि सही जानकारी और त्वरित कार्रवाई ही जीवन रक्षा की कुंजी है.

सर्पदंश होते ही सबसे महत्वपूर्ण कार्य है पीड़ित को बिना एक पल भी गंवाए नजदीकी अस्पताल पहुंचाना.अविनाश यादव ने बताया कि ‘गोल्डन पीरियड’ यानी सांप काटने के शुरुआती कुछ घंटों में यदि मरीज को एंटी-वेनम का डोज मिल जाए, तो उसकी जान सुरक्षित बच जाती है. इसलिए, समय पर अस्पताल पहुंचना ही सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. सांप काटने के बाद उस सांप को पकड़ने या मारने का प्रयास बिल्कुल न करें. उस समय सांप बेहद आक्रामक और गुस्से में हो सकता है, जिससे वह किसी और व्यक्ति को भी काट सकता है और स्थिति को और गंभीर बना सकता है.

सांप की एक स्पष्ट तस्वीर लें

यदि संभव हो, तो सांप की एक स्पष्ट तस्वीर ले लें, लेकिन ऐसा करते समय सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें. तस्वीर देखकर डॉक्टर यह पहचान पाएंगे कि सांप हीमोटॉक्सिन (रक्त को प्रभावित करने वाला) है या न्यूरोटॉक्सिन (तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाला) प्रकार का, जिससे सही एंटी-वेनम का चुनाव करने में आसानी होगी और इलाज प्रभावी होगा.

फिल्मों में दिखाए जाने वाले सांप का जहर चूसने या घाव को कसकर पट्टी बांधने जैसे नुस्खों से बचें. जहर चूसने से चूसने वाले व्यक्ति की जान भी खतरे में पड़ सकती है, और घाव को कसकर बांधने से रक्त संचार रुक सकता है, जिससे प्रभावित अंग को भारी नुकसान हो सकता है.

झाड़-फूंक, तांत्रिक क्रियाओं या जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल से पूरी तरह बचें. ऐसी अवैज्ञानिक पद्धतियां केवल समय की बर्बादी करती हैं, और पीड़ित को अस्पताल पहुंचने में अनावश्यक देरी हो जाती है. सर्पदंश का एकमात्र प्रमाणित इलाज एंटी-वेनम है, जो केवल सरकारी और कई निजी अस्पतालों में उपलब्ध है. इसलिए, अंधविश्वास मे ना पड़े तत्काल चिकित्सा सहायता लें.

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