शिलाजीत का बाप है यह छोटा सा पौधा ! सिर्फ 21 दिन में मर्दाना कमजोरी कर देगा दूर, धरती पर प्रकृति का वरदान

Benefits of Satyanashi Plant: सत्यानाशी एक कांटेदार और पीले फूलों वाला पौधा है, जो बंजर जमीन, खेतों के किनारे और सूखे इलाकों में उगता है. इस पौधे को आमतौर पर जहरीला माना जाता है और लोग इससे दूरी बना लेते हैं. हालांकि आयुर्वेद में सत्यानाशी के पौधे को सेहत के लिए वरदान माना गया है. खासतौर से सत्यानाशी मर्दों के लिए फायदेमंद होता है. यह एक औषधीय पौधा है और इसके पत्ते, फूल, जड़ और तना सभी हिस्से खाने लायक होते हैं. इसके सभी हिस्सों का यूज अलग-अलग तरीकों से किया जाता है. यही कारण है कि इसे देसी दवाओं का कारखाना कहा जाता है.

कई रिसर्च में पता चला है कि सत्यानाशी प्लांट का सही तरीके से इस्तेमाल करने से पुरुषों की नपुंसकता दूर हो सकती है. पुरुषों में नपुंसकता एक कॉमन समस्या हो गई है और इसे बोलचाल में मर्दाना कमजोरी भी कहा जाता है. आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार सत्यानाशी के पत्तों और फूलों से तैयार किया गया अर्क या काढ़ा नियमित रूप से 21 दिनों तक लेने पर पुरुषों की नपुंसकता में सुधार हो सकता है. यह पौधा पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी बढ़ाने और वीर्य को गाढ़ा करने में भी मदद करता है, जिससे रिप्रोडक्टिव हेल्थ में सुधार होता है. हालांकि इसका सही तरीके से उपयोग करना चाहिए.

सत्यानाशी के फूलों और बीजों से प्राप्त रस में कामेच्छा बढ़ाने वाले गुण होते हैं, जो पुरुषों की यौन शक्ति, ऊर्जा और स्टैमिना को बढ़ावा देते हैं. इसके नियमित सेवन से यौन कमजोरी, शीघ्रपतन और स्तंभन दोष जैसी समस्याओं में सुधार देखा गया है. यही वजह है कि इसे कई आयुर्वेदिक यौन टॉनिक और औषधियों में शामिल किया जाता है. सत्यानाशी पौधा एंटी-एजिंग गुणों से भरपूर होता है. इसका नियमित और सीमित मात्रा में सेवन करने से शरीर की कोशिकाएं पुनर्जीवित होती हैं, ऊर्जा बनी रहती है और उम्र बढ़ने के लक्षण धीरे-धीरे कम होते हैं. यह पुरुषों के लिए बुढ़ापे में भी जवानी जैसी एनर्जी बनाए रखने में मददगार है.

सत्यानाशी में एंटी-डायबिटिक गुण भी होते हैं, जो पुरुषों में टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल करने में सहायक होते हैं. कई रिसर्च में पाया गया है कि सत्यानाशी से निकाला गया मेथनॉलिक अर्क ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करता है और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर को ठीक करने में भी मदद करता है. डायबिटीज का सीधा संबंध मर्दाना कमजोरी से भी होता है, इसलिए यह पौधा दोगुना फायदा देता है. सत्यानाशी का उपयोग सिर्फ आंतरिक ही नहीं, बल्कि बाहरी रूप से भी फायदेमंद है. पुरुषों में धूप, प्रदूषण और हार्मोनल बदलाव के कारण होने वाली स्किन प्रॉब्लम्स जैसे फोड़े-फुंसी, दाद, खुजली आदि में इसका लेप या अर्क बेहद असरदार होता है. इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं.

सत्यानाशी के फायदे अनगिनत हैं, लेकिन यह पौधा जहरीला भी होता है. इसलिए इसका सेवन कभी भी खुद से न करें. इसकी सही मात्रा, प्रक्रिया और कॉम्बिनेशन आयुर्वेदाचार्य या हर्बल एक्सपर्ट ही बता सकते हैं. इस पौधे का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर लें. गलत तरीके से या अधिक मात्रा में सेवन से यह शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है. अगर डॉक्टर की देखरेख में इसका उपयोग किया जाए, तो सत्यानाशी पुरुषों के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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