Last Updated:
What is Ophidiophobia: बहुत से लोगों को सांपों से डर लगता है, लेकिन जब यह डर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए, तो इसे स्नेक फोबिया कहा जाता है. स्नेक फोबिया शरीर और दिमाग पर बुरा असर डालता है. इससे बचने की जरूरत होती है…और पढ़ें

स्नेक फोबिया से पीड़ित लोगों को सांप देखकर अचानक पसीना आ जाना, हाथ-पैर ठंडे होने या कांपने लगना, गला सूख जाना या सांस फूलना जैसे संकेत भी नजर आते हैं. यह शरीर की स्वाभाविक प्रतिक्रिया होती है, जब वह किसी खतरे को महसूस करता है. भले ही वो खतरा असल में सामने हो या सिर्फ दिमाग में रहे. कई बार फोबिया के कारण व्यक्ति कुछ खास जगहों पर जाने से बचता है. अगर किसी को लगता है कि खेत, जंगल, बगीचा या पहाड़ों में सांप मिल सकते हैं, तो वह इन जगहों से दूर भागने लगता है. कुछ लोग यात्रा, ट्रैकिंग या किसी पारिवारिक आउटिंग में जाने से सिर्फ इसलिए मना कर देते हैं, क्योंकि वहां सांप हो सकते हैं. यह डर धीरे-धीरे व्यक्ति की आजादी को भी सीमित कर देता है.
अब सवाल है कि स्नेक फोबिया का इलाज क्या है? एक्सपर्ट्स की मानें तो स्नेक फोबिया से निजात पाने के लिए मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स से मिलकर कुछ थेरेपी का सहारा लिया जा सकता है. इससे सांपों से होने वाले डर को काबू में किया जा सकता है. थेरेपी के जरिए धीरे-धीरे व्यक्ति को उसके डर से रूबरू कराया जाता है, ताकि वह उसका सामना कर सके. इसे ग्रेजुअल एक्सपोजर थेरेपी (GET) कहते हैं. इसके अलावा कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT), मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज और योग भी इसमें बहुत मददगार हैं. कुछ मामलों में डॉक्टर दवाइयां भी देते हैं.
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें