भूटान में BRO ने बनाई ऐसी सड़क, देख कर ड्रैगन के होश उड़े, डोकलाम के पास तक पहुंची ऑल वेदर स्ट्रेटेजिक रोड

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ROAD TO DOKLAM: प्रोजेक्ट दंतक BRO की सबसे पुरानी परियोजनाओं में से एक है. बीआरओ को भूटान में सड़कें बनाने का काम सौंपा गया और दंतक परियोजना की शुरुआत हुई. दंतक परियोजना ने भूटान में 1650 किलोमीटर पक्की सड़कें,…और पढ़ें

भूटान में BRO ने डोक्लाम तक बनाई सड़क

हाइलाइट्स

  • भूटान में BRO ने ऑल वेदर रोड बनाई
  • 1 अगस्त को भूटान के प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन
  • सड़क से क्षेत्रीय विकास और सैन्य रसद को बढ़ावा मिलेगा
ROAD TO DOKLAM: चीन ने 2017 में डोकलाम में भारत के हाथों करारी हार के बाद अब फिर से उन इलाकों में काम को तेज किया है जहां उसे सीमित किया गया था. चीन जिस तरह से भूटान पर अपना प्रभाव डालने और उसकी जमीन को हड़पने की कोशिश कर रहा है, वह भारत के लिए चिंता का विषय है. 2017 में भारतीय सेना ने चीनी पीएलए को डोकलाम में तोरसा नाले के आगे सड़क बनाने से रोका था. लेकिन चीन ने डोकलाम में भी अपनी तैयारियों को बढ़ाया है. तोरसा नाला के उस इलाके में भी चीन अपने डिफेंस को मजबूत कर रहा है. चीन की आक्रामकता को रोकने के लिए भूटान ने एक मास्टर स्ट्रोक चल दिया. तिब्बत की चुंबी वैली से लगने वाली भूटान के हा वैली में भारत की मदद से एक महत्वपूर्ण ऑल वेदर रोड का निर्माण किया गया. 1 अगस्त को इसका उद्घाटन वहां के प्रधानमंत्री ल्योंछेन दाशो शेरिंग तोबगे करेंगे. इस मौके पर डॉयरेक्टर जनरल बॉर्डर रोड्स लें जनरल रघु श्रीनिवासन भी मौजूद रहेंगे.

गेमचेंजर है यह रोड
1 अगस्त को भूटान के प्रधानमंत्री हा सड़क का उद्घाटन करेंगे. वानाखा से हा तक के इस महत्वपूर्ण सड़क खंड को प्राथमिक राष्ट्रीय राजमार्ग मानकों के अनुरूप उन्नत किया गया है. नए रोड में 5 नए पुल, बेहतर सड़क और सुरक्षा उपाय शामिल हैं, जो हा घाटी तक हर मौसम में बेहतर संपर्क सुनिश्चित करेंगे. 254 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हुई यह परियोजना से क्षेत्रीय विकास, पर्यटन और सैन्य रसद को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगी. यह रोड वेस्ट्रन भूटान की तरफ चुंबी वैली की तरफ जाती है. तिब्बत का चुंबी वैली अहम है क्योंकि ट्रूप मूवमेंट और चीन की उपस्थिति है. भूटान के लिए चुंबी वैली बॉर्डर तक कनेक्टिविटी अहम है. इस सड़क के चलते जब कभी जरूरत हुई भूटानी आर्मी के ट्रूप की तेजी से मूवमेंट हो सकेगी. इस इलाके में लॉजिस्टिक सप्लाई के लिए बेहद कारगर होगी. भूटान के वेस्टर्न फ्रंट पर पोस्ट भी है. यह भूटान की जरूरत थी और उसने कहने पर ही सड़क का निर्माण किया गया है. ओवरऑल इस रोड से भारत को भी फायदा होगा. भूटान स्ट्रांग होगा तो भारत के पास चीन को काउंटर करना भी आसान होगा. क्योंकि भारत और भूटान के पुराने और अच्छे संबंध हैं.

भूटान की जमीन पर कब्जा करना चाहता है चीन
चीन और भूटान के बीच लगभग 477 किलोमीटर लंबी सीमा को लेकर 1950 के दशक से विवाद चल रहा है. जिन दो इलाकों को लेकर सबसे ज्यादा विवाद है, उनमें एक है 269 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का डोकलाम इलाका. दूसरा इलाका भूटान के उत्तर में 495 वर्ग किलोमीटर का जकारलुंग और पासमलुंग घाटी का है. अक्टूबर 2021 में चीन और भूटान ने ‘थ्री-स्टेप रोडमैप’ के समझौते पर दस्तखत किए थे. अब तक चीन और भूटान के बीच 25 दौर की सीमा वार्ता हो चुकी है. एक नया विवाद चीन ने हाल ही में शुरू किया. यह अरुणाचल प्रदेश के तवांग सीमा के पास भूटान के ईस्ट में सकतेंग वाइल्ड लाइफ सेंचुरी है. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में ग्लोबल इंवायरनमेंट मीटिंग के दौरान चीन ने इस पर भी अपना दावा ठोक दिया. हालांकि भूटान ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. सकतेंग सैंचुरी से चीन की सीमा सीधी नहीं लगती फिर भी वह इस पर अपना दावा ठोकने लगा है. चीन इस इलाके को विवादित ठहरा रहा है.

रॉयल भूटान आर्मी को भी रोक रहा है चीन
भारत और चीन के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर विवाद कोई नया नहीं है. भारतीय सेना की पेट्रोलिंग पर आपत्ति जताने वाले चीन ने यह हरकत अब भूटान के साथ भी की है. सूत्रों के मुताबिक डोकलाम के करीब अमो-छू नदी के किनारे रॉयल भूटान आर्मी (RBA) के सैनिकों को अपने इलाके में ही पेट्रोलिंग करने से रोक दिया था. सूत्रों के मुताबिक विवाद को सुलझाने के लिए फरवरी के आखिरी हफ्ते में फ्लैग मीटिंग तक आयोजित की गई थी. इसमें चीनी पीएलए ने भूटान की सेना की पेट्रोलिंग पर आपत्ति जताई. खास बात तो यह है कि रॉयल भूटान आर्मी पश्चिमी भूटान की अमो छू के पूर्वी किनारे पर क्रॉसिंग के इलाके को चेक करने पहुंचे थे. रिपोर्ट के मुताबिक चीन की चुंबी वैली से निकलने वाली तोरसा नदी ही भूटान में अमो-छू नदी के नाम से जानी जाती है. डोकलाम पहुंचकर तोरसा नदी दो हिस्सों में बंट जाती है. एक तोरसा नाले के तौर पर डोकलाम से दक्षिण की तरफ जामफेरी रिज चला जाता है. दूसरा पूर्व में भूटान में अमो-छू के तौर पर बंट जाती है.

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भूटान में BRO ने बनाई गेमचेंजर सड़क, डोकलाम तक ऑल वेदर स्ट्रेटेजिक रोड

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