सेना के AOC म्यूजियम में देखें पिस्टल: डच महिला के पास मोबाइल से भी छोटी पिस्टल, एक बार में कई फायर; प्रथम विश्व युद्ध में हुई थी उपयोग – Jabalpur News

मार्गरेट जेला जो कि अपनी हिफाजत के लिए 84 ग्राम की पिस्टल रखती थी।

सेना के मटेरियल मैनेजमेंट कॉलेज में स्थित एओसी म्यूजियम में सैकड़ों प्रकार की बंदूक और पिस्टल रखी हुई हैं। यहां वो पिस्टल भी है, जो कि प्रथम विश्व युद्ध के समय महिलाओं ने अपनी सुरक्षा के लिए उपयोग की थी।

.

माचिस की डिब्बी में पैक होने वाली पिस्टल को वैनिटी बैग पिस्टल कहा जाता है। इसके अलावा सौ से अधिक प्रकार की अलग-अलग पिस्टल और बंदूक को भी 1926 में स्थापित किए गए एओसी म्यूजियम में रखा है। कहा जाता है कि सेना के इस म्यूजियम में पूरी दुनिया में पाए जाने वाले अलग-अलग हथियारों का अनोखा कलेक्शन है।

प्रथम विश्व युद्ध के समय फ्रांसीसी सेना ने जासूसी करते हुए एक डच महिला डांसर को पकड़ा, उसकी तलाशी ली तो पता चला कि अपनी सुरक्षा के लिए उन्होंने पिस्टल छिपा रखी थी, जो कि सिर्फ 84 ग्राम की थी। म्यूजियम में बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी ऐसी कई बंदूकों को संरक्षित कर रखा गया हैं। सेना का यह म्यूजियम अभी सिविलियन के लिए खुला नहीं है, पर जल्द ही इसको आम पब्लिक भी देख सकती है।

मार्गरेट जेला के पास थी 84 ग्राम की बंदूक मार्गरेट जेला का जन्म 1876 में नीदरलैंड में हुआ था। वह एक डच महिला थी। 1917 में पहले विश्व युद्ध के समय मार्गरेट जेला को ब्रिटिश सेना की जासूसी करने के लिए डांसर बनाकर भेजा गया। बेहद खूबसूरत होने के साथ-साथ तेज तर्रार मार्गरेट दुश्मनों से लड़ने के लिए अपने पास पिस्टल रखती थी, जो कि समय आने पर उसकी हिफाजत करती थी।

सुंदर होने के कारण अंग्रेज सैन्य अधिकारी बड़ी ही आसानी से उसके प्रभाव में आ जाते थे। कई बार ऐसा भी हुआ कि कई खुफिया जानकारी मार्गरेट के जरिए अंग्रेजों के दुश्मन देश तक पहुंच जाती थी।

सेना के अधिकारी विशाल चोपड़ा ने बताया कि दुश्मन देशों तक अंग्रेजी सरकार की जानकारियां बड़ी ही आसानी से पहुंच रही है। अधिकारियों ने जब इसकी पड़ताल की तो,पता चला कि मार्गरेट जेला जो कि डांसर बनकर आती है, वह असल में जासूस है, जिसके बाद फ्रांसीसी अधिकारियों ने गोली मारकर उसकी हत्या करने की सजा दी, बाद में उसे गोली मार दी गई। जेला के पास से वो पिस्टल भी बरामद की गई, जिसे कि वह हमेशा अपना साथ रखा करती थी।

जेला के पास मिली पिस्टल अंग्रेजों ने रख ली थी, जिसे कि आज भी जबलपुर के एओसी म्यूजियम में रखी हुई है। पिस्टल 1880 में बनाई गई थी। इसका वजन मात्र 84 ग्राम है, जो एक मोबाइल फोन से भी कम है। कर्नल विशाल चोपड़ा बताते है कि इस म्यूजियम में कई ऐसी पिस्टल हैं, जिनमें एक बार गोली चलती थी, तो कुछ आज के जैसी ऑटोमैटिक भी है, जिनमें एक साथ कई गोलियां चलाई जा सकती हैं। एओसी म्यूजियम में बीते 200 सालों में हुए हथियारों के विकास को देखा जा सकता है।

.

Source link

Share me..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *