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Khargone News: मंदिर में एक पीपल का पेड़ है, जिसके नीचे कई देवी-देवताओं की प्राचीन मूर्तियां प्रतिष्ठित हैं. इनमें से कुछ प्रतिमाएं क्षेत्र में खुदाई के दौरान मिली थीं, जिन्हें बाद में विधिपूर्वक मंदिर में स्था…और पढ़ें
मंदिर के गर्भगृह में दिव्य शिवलिंग स्थापित है, जिसकी जलाधारी पर पीतल की परत चढ़ी हुई है. गर्भगृह के मुख्य द्वार पर गणेश जी की प्रतिमा है और ठीक सामने मंदिर प्रांगण में नंदी महाराज विराजमान हैं. गर्भगृह के पीछे माता पार्वती, भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, भगवान काल भैरव और अन्य देवी-देवताओं की भी अलौकिक मूर्तियां मौजूद हैं. इन मूर्तियों की नक्काशी भी काले पत्थरों पर बेहद बारीकी से की गई है.
पुरातत्व विभाग ने माना धरोहर
मंदिर के पुजारी प्रकाश शुक्ला और गौरव शुक्ला के अनुसार, यह मंदिर 500 साल से भी पुराना है. पुरातत्व विभाग ने भी इस मंदिर का सर्वे किया है और अपनी रिपोर्ट में इसे ‘काला डेरा’ के नाम से दर्ज किया है. विभाग के अनुसार, यह मध्य प्रदेश के प्राचीनतम शिव मंदिरों में से एक है. श्रद्धालुओं की मान्यता है कि यहां भोलेनाथ को जल चढ़ाने से हर मनोकामना पूर्ण होती है. इसी आस्था के चलते सावन में यहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचते हैं.
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