29 मिनट पहलेलेखक: रेणु रखेजा
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आईने के सामने खड़े होकर अचानक महसूस होता है कि बाल पहले जैसे घने नहीं रहे। पोनीटेल पतली हो गई, मांग चौड़ी दिखने लगी या कनपट्टी पर पहली सफेदी झलक गई। यह बदलाव अचानक नहीं होता, बल्कि सालों की आदतों का असर धीरे-धीरे नजर आता है। 40 की उम्र के बाद शरीर में एस्ट्रोजन और ग्रोथ हार्मोन का स्तर गिरने लगता है। ये दोनों बालों के ग्रोथ साइकिल को लंबा बनाए रखने में मदद करते हैं। जब इनकी कमी होती है, तो बाल जल्दी गिरने लगते हैं और सफेद होना शुरू कर देते हैं। इसके साथ नींद की कमी, स्ट्रेस, थायरॉइड जैसी समस्याएं और पोषण की कमी बालों की जड़ों को कमजोर कर देती हैं। लेकिन अच्छी बात यह है कि यह बदलाव स्थायी नहीं है। सही खानपान, संतुलित जीवनशैली और कुछ आसान रूटीन अपनाकर आप सिर्फ 90 दिनों में फर्क देख सकते हैं।
खानपान से शुरुआत करें
बाल असल में प्रोटीन और मिनरल्स से बनी एक मजबूत केबल की तरह होते हैं। बाहर से ऑयलिंग करने से ज्यादा असर अंदर से मिलने वाले पोषण का होता है। खानपान में ये बदलाव अपनाएं…
प्रोटीन- हर मील में शामिल करें। पनीर, अंडा, दाल, टोफू या स्प्राउट्स में सबसे अधिक होता है।
आयरन और विटामिन C साथ- आयरन तभी अवशोषित होता है जब उसके साथ विटामिन C हो। पालक पर नींबू निचोड़ें या अमरूद खाएं।
जिंक और बायोटिन- रोज दो चम्मच कद्दू के बीज या मुट्ठीभर भुना चना।
ओमेगा-3- अलसी पाउडर का एक चम्मच या दो अखरोट रोजाना।
कॉपर- बालों का रंग बनाए रखने के लिए राजमा, काजू और तिल।
जरूरी बात: अगर ब्लड टेस्ट में फेरिटिन (Iron Storage) 30 µg/L से कम या विटामिन D 30 ng/mL से कम हो, तो सिर्फ डाइट से सुधार मुश्किल है। डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट लें।

जीवनशैली में ये बदलाव भी जरूरी
7 घंटे की गहरी नींद- रात में निकलने वाला ग्रोथ हार्मोन बालों को ग्रोथ फेज में रखता है।
2 लीटर पानी रोज- डिहाइड्रेशन बालों की चमक छीन लेता है।
स्ट्रेस कंट्रोल- बॉक्स ब्रीदिंग जैसी टेक्निक से तनाव कम करें। ज्यादा कॉर्टिसोल बालों को समय से पहले गिरा देता है।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग- हफ्ते में दो बार स्क्वैट्स, पुश-अप्स या रेजिस्टेंस बैंड्स का इस्तेमाल करें। यह IGF-1 हार्मोन को सक्रिय करता है, जो बालों की जड़ों को मोटा बनाता है।
6 मिनट का योगा + सर्कुलेशन रूटीन
बालों तक ज्यादा ऑक्सीजन और पोषण पहुंचे, इसके लिए रोजाना सुबह और दोपहर में यह रूटीन करें:
नेक ड्रॉप ओवर द बेड (30 सेकेंड)- खून का बहाव सीधे सिर तक।
अधो मुख स्वानासन (40 सेकंड)- इनवर्जन से फॉलिकल्स तक ज्यादा ब्लड फ्लो।
उष्ट्रासन (30 सेकेंड, दो राउंड)- छाती खोलकर गले की धमनियों में रक्त प्रवाह बढ़ता है।
सर्वांगासन (30 सेकेंड)- पूरा शरीर उल्टा। (बीपी या ग्लूकोमा हो तो न करें)।
उत्तानासन (30 सेकेंड)- सिर को नीचे छोड़कर गहरी सांस लें।
स्कैल्प टैपिंग (60 सेकेंड)- हल्की ड्रमिंग से जड़ें जागती हैं।
क्या ऑयलिंग और टैपिंग वाकई काम करती है?
2022 की एक स्टडी के मुताबिक, हफ्ते में दो बार 30 मिनट नारियल या तिल का तेल लगाने से बाल टूटने में 30% तक कमी आई।
ओवरनाइट ऑयलिंग से ज्यादा फर्क नहीं, बल्कि तकिया गंदा होता है।
हेयरफॉल से जुड़ा फैक्ट चेक
- बाल काटने से तेजी से नहीं बढ़ते, बस सिरे साफ दिखते हैं।
- सफेद बाल उखाड़ने से और नहीं आते, लेकिन बार-बार प्लक करने से फॉलिकल कमजोर हो जाता है।
- गंजापन सिर्फ जेनेटिक नहीं, खानपान, तनाव और सही दवाएं असर डालते हैं।
- सिर्फ पुरुष नहीं, 50 की उम्र तक 40% महिलाएं भी बालों के पतले होने का अनुभव करती हैं।
रेणु रखेजा जानी-मानी न्यूट्रिशनिस्ट एवं हेल्थ कोच हैं।
@consciouslivingtips