SBI का मुनाफा 10% बढ़कर ₹20,160 करोड़: यस बैंक की 13% हिस्सेदारी बेचने से प्रॉफिट बढ़ा, शेयर ₹959 के ऑल-टाइम हाई पर पहुंचा

मुंबई38 मिनट पहले

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देश के सबसे बड़े सरकारी लेंडर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में 20,160 करोड़ रुपए का मुनाफा (स्टैंड-अलोन नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार पर यह 10% बढ़ा है। पिछले साल की समान तिमाही में SBI को ₹18,331 करोड़ का प्रॉफिट हुआ था।

SBI के इस मुनाफे में यस बैंक की 13.18% हिस्सेदारी बेचने से मिले 4,593.22 रुपए का प्रॉफिट भी शामिल है। जुलाई-सितंबर (Q2FY26) तिमाही में स्टेट बैंक की टोटल इंटरेस्ट इनकम यानी ब्याज आय 1.20 लाख करोड़ रुपए रही। पिछले साल की समान तिमाही में यह 1.13 लाख करोड़ रुपए थी। सालाना आधार पर यह 5.08% बढ़ी है।

वहीं दूसरी तिमाही में SBI की नेट इंटरेस्ट इनकम 42,984 करोड़ रुपए रही। पिछले साल की समान तिमाही में यह 41,620 करोड़ रुपए थी। सालाना आधार पर यह 3.28% बढ़ी है।

नेट NPA 9% कम होकर ₹18,460 करोड़ रहा

दूसरी तिमाही (Q2FY26) के दौरान बैंक का नेट NPA यानी नॉन परफॉर्मिंग एसेट 9.04% कम होकर 18,460 करोड़ रुपए रह गया है। जुलाई-सितंबर 2025 के दौरान यह 20,294 करोड़ रुपए था।

SBI ने 17 सितंबर को यस बैंक में 13.18% हिस्सेदारी बेची थी

SBI ने 17 सितंबर 2025 को यस बैंक में अपनी 13.18% हिस्सेदारी ₹21.50 प्रति शेयर के भाव पर बेची थी, जिससे बैंक को ₹4,593.22 करोड़ का मुनाफा हुआ था। कंपनी ने इस मुनाफे को एक्सेप्शनल इनकम यानी असाधारण आय माना है, जिसे कैपिटल रिजर्व में डाला जाएगा।

हिस्सेदारी बेचने के बाद 30 सितंबर 2025 तक SBI की यस बैंक में हिस्सेदारी घटकर 10.78% रह गई है। हालांकि, SBI को फिर भी निवेश सहयोगी यानी एसोसिएट कंपनी के रूप में माना जाएगा।

क्या होता है स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड?

कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक सेगमेंट या यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।

वापस नहीं मिली राशि NPA हो जाती है

NPA यानी नॉन-परफॉर्मिंग असेट एक ऐसा बैंक लोन या क्रेडिट होता है, जिसका भुगतान उधार लेने वाला व्यक्ति या संस्था समय पर नहीं कर पाता।

आसान भाषा में, अगर कोई व्यक्ति या कंपनी बैंक से लिया गया कर्ज (लोन) की किस्त या ब्याज 90 दिन या उससे ज्यादा समय तक नहीं चुकाता, तो वह लोन NPA बन जाता है।

इससे बैंक को नुकसान होता है, क्योंकि उस पैसे की वसूली मुश्किल हो जाती है। मान लीजिए, आपने बैंक से 10 लाख का लोन लिया और 3 महीने से ज्यादा समय तक उसकी EMI नहीं भरी, तो वह लोन NPA माना जाएगा।

SBI के शेयर ने एक महीने में 10% रिटर्न दिया

तिमाही नतीजों के बाद SBI का शेयर आज 1% की तेजी के साथ अपने ऑल टाइम हाई 959.30 रुपए पर कारोबार कर रहा है। एक महीने में यह 10% और एक साल में 15% चढ़ा है।

बीते 6 महीने में बैंक का शेयर 21% से ज्यादा चढ़ा है। SBI का मार्केट कैप 8.84 लाख करोड़ रुपए है। वैल्यूएशन के मामले में यह देश की छठी सबसे बड़ी कंपनी है।

देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है SBI

SBI देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है। SBI में सरकार की 55.5% हिस्सेदारी है। 1 जुलाई 1955 को इसकी स्थापना हुई थी। बैंक का मुख्यालय मुंबई में है।

वहीं बैंक की 23,000 से ज्यादा ब्रांच और 50 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं। बैंक दुनिया के 22 देशों में काम करता है। भारत के बाहर इसकी 241 ब्रांच हैं।

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