एनीमिया और कमजोरी को कहिए अलविदा! बरसात के मौसम में रोज खाइए छत्तीसगढ़ की मुनगा भाजी, आयरन-विटामिन से भरपूर

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Health News: छत्तीसगढ़ की मुनगा भाजी न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी है. आयुर्वेद विशेषज्ञ बताते हैं कि यह पाचन सुधारती है, शरीर को ऊर्जा देती है और खून की कमी दूर करती है.

हाइलाइट्स

  • भाजी दे शरीर को वो ताकत
  • खून की कमी और थकावट को दूर भगाओ
  • शरीर को ऊर्जा देती है
रायपुर. छत्तीसगढ़ की पारंपरिक भाजियों में मुनगा भाजी का विशेष स्थान है. आज जब लोग तेजी से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, तब मुनगा भाजी जैसे देसी और प्राकृतिक आहार को लेकर जागरूकता बढ़ रही है. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में तो यह सदियों से स्वास्थ्यवर्धक भोजन का हिस्सा रहा है, लेकिन अब शहरी इलाकों में भी इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है.

राजधानी रायपुर स्थित श्री नारायण प्रसाद अवस्थी शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजेश सिंह बताते हैं कि मुनगा भाजी छत्तीसगढ़ में बेहद फेमस है. मुनगा के फलों के साथ-साथ इसकी पत्तियों का उपयोग भाजी बनाने के लिए किया जाता है. खास बात यह है कि मुनगा के फलों की तुलना में इसकी पत्तियों का सेवन ज्यादा फायदेमंद होता है.

मुनगा भाजी में भरपूर मात्रा में आयरन, विटामिन A, C, और कैल्शियम समेत कई प्रकार के मिनरल्स पाए जाते हैं। यह हमारे शरीर की कोशिकाओं यानी सेल्स को मजबूत बनाता है और इम्यून सिस्टम को दुरुस्त करता है. डॉ. राजेश सिंह बताते हैं कि मुनगा भाजी उष्ण प्रकृति की होती है, इसलिए यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है और शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मददगार होती है.

आजकल जिस तरह मेटाबॉलिज्म में गड़बड़ी की समस्याएं बढ़ रही हैं, मुनगा भाजी उसके लिए एक नेचुरल समाधान के रूप में उभर रही है. विशेष रूप से एनीमिया यानी खून की कमी से पीड़ित लोगों के लिए मुनगा भाजी बेहद लाभकारी मानी जाती है. यही वजह है कि डिलीवरी के बाद महिलाओं में कमजोरी और खून की कमी दूर करने के लिए पारंपरिक तौर पर मुनगा भाजी का सेवन करवाया जाता है. यह शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है. मुनगा भाजी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सिर्फ ग्रामीण इलाकों में नहीं बल्कि शहरों में भी आसानी से उपलब्ध हो जाती है और इससे बनने वाली सब्जी बेहद स्वादिष्ट होती है. गांव – घर में मुनगा भाजी को पारंपरिक साग के रूप में पकाया जाता है, जिसे दाल-चावल के साथ खाया जाता है.

डॉ. राजेश सिंह के अनुसार, मुनगा भाजी प्राकृतिक औषधि के समान है. जो लोग अपने भोजन में इसका नियमित सेवन करते हैं, उनका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, पाचन तंत्र ठीक रहता है और शरीर में आयरन व विटामिन की कमी नहीं होती है. आज जब लोग आधुनिक दवाओं के साइड इफेक्ट्स से परेशान हैं, तब मुनगा भाजी जैसी देसी और जैविक चीजें स्वास्थ्य के लिए वरदान बन सकती हैं. छत्तीसगढ़ की यह परंपरागत भाजी आज देश-विदेश में सुपरफूड के रूप में पहचानी जा रही है.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें

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एनीमिया और कमजोरी को कहिए अलविदा! बरसात के मौसम में रोज खाइए मुनगा भाजी

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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