इस लैब की अत्याधुनिक तकनीक के जरिए जीन में खराबी के कारण होने वाली बीमारियों का पहले से पता लगाया जा सकेगा. केवल एक ब्लड सैंपल के माध्यम से यह जांच हो सकेगी कि किसी व्यक्ति को भविष्य में आनुवंशिक बीमारी या कैंसर होने की संभावना है या नहीं. खास तौर पर उन महिलाओं को लाभ मिलेगा, जिनके परिवार में ब्रेस्ट कैंसर की हिस्ट्री है. वे BRCA1 और BRCA2 जीन की जांच कर यह जान सकेंगी कि उनमें कैंसर का जोखिम कितना है. इस लैब की स्थापना पर करीब 9 करोड़ रुपये की लागत आएगी. यह लैब माता-पिता को उनकी भावी संतानों में आनुवंशिक बीमारियों के जोखिम के बारे में सतर्क करेगी, जिससे वे परिवार नियोजन के बारे में सूचित निर्णय ले सकेंगे.
सवाई मानसिंह अस्पताल में टॉक्सिकोलॉजी लैब भी तैयार हो चुकी है और अगले 2 से 3 सप्ताह में शुरू हो जाएगी. यह लैब यूरिन और ब्लड सैंपल के आधार पर दवाइयों की टॉक्सिसिटी, नींद की गोलियों, या जहर (जैसे जानवरों के काटने से) के स्तर का सटीक निदान करेगी. अभी तक मरीजों के लक्षणों और अनुभव के आधार पर उपचार किया जाता था, लेकिन इस लैब के शुरू होने से यह स्पष्ट हो सकेगा कि मरीज को एंटी-वेनम इंजेक्शन की आवश्यकता है या नहीं. यह सुविधा दवाइयों के दुष्प्रभावों को कम करने और इलाज के खर्च को घटाने में मदद करेगी.
मरीजों को अब मिल सकेगी बेहतर सुविधा
ये नई सुविधाएं SMS अस्पताल को स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं. हाल ही में शुरू किए गए डायबिटीज सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की तरह, जेनेटिक और टॉक्सिकोलॉजी लैब मरीजों को समय पर निदान और प्रभावी उपचार प्रदान करेंगी. ये पहल न केवल जयपुर के निवासियों, बल्कि पूरे राजस्थान के मरीजों के लिए लाभकारी होंगी. डिजिटल इंडिया और उन्नत चिकित्सा तकनीकों के उपयोग से अस्पताल स्वास्थ्य सेवाओं में नया मानक स्थापित कर रहा है.