सवाई मानसिंह अस्पताल को नई लैब्स की सौगात,आनुवंशिक बीमारियों और टॉक्सिसिटी का हो सकेगा सटीक इलाज

जयपुर. राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल, सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल में मरीजों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए लगातार नवाचार किए जा रहे हैं. हाल ही में अस्पताल में जेनेटिक टेस्टिंग लैब और टॉक्सिकोलॉजी लैब शुरू करने की घोषणा की गई है, जो आनुवंशिक बीमारियों और दवाइयों की टॉक्सिसिटी से संबंधित समस्याओं का निदान करेंगी. इसके अतिरिक्त, ब्लड कैंसर और अन्य रक्त संबंधी बीमारियों के लिए एक अलग हेमेटोलॉजी विभाग भी शुरू किया गया है. ये पहल न केवल मरीजों को उन्नत उपचार प्रदान करेंगी, बल्कि सटीक निदान और समय पर इलाज सुनिश्चित करेंगी. सवाई मानसिंह अस्पताल में जल्द शुरू होने वाली जेनेटिक टेस्टिंग लैब आनुवंशिक बीमारियों और कैंसर जैसी घातक बीमारियों के जोखिम का पता लगाने में क्रांतिकारी साबित होगी.

इस लैब की अत्याधुनिक तकनीक के जरिए जीन में खराबी के कारण होने वाली बीमारियों का पहले से पता लगाया जा सकेगा. केवल एक ब्लड सैंपल के माध्यम से यह जांच हो सकेगी कि किसी व्यक्ति को भविष्य में आनुवंशिक बीमारी या कैंसर होने की संभावना है या नहीं. खास तौर पर उन महिलाओं को लाभ मिलेगा, जिनके परिवार में ब्रेस्ट कैंसर की हिस्ट्री है. वे BRCA1 और BRCA2 जीन की जांच कर यह जान सकेंगी कि उनमें कैंसर का जोखिम कितना है. इस लैब की स्थापना पर करीब 9 करोड़ रुपये की लागत आएगी. यह लैब माता-पिता को उनकी भावी संतानों में आनुवंशिक बीमारियों के जोखिम के बारे में सतर्क करेगी, जिससे वे परिवार नियोजन के बारे में सूचित निर्णय ले सकेंगे.

एसएमएस हॉस्पिटल में तैयार हाे चुकी है टॉक्सिकोलॉजी लैब

सवाई मानसिंह अस्पताल में टॉक्सिकोलॉजी लैब भी तैयार हो चुकी है और अगले 2 से 3 सप्ताह में शुरू हो जाएगी. यह लैब यूरिन और ब्लड सैंपल के आधार पर दवाइयों की टॉक्सिसिटी, नींद की गोलियों, या जहर (जैसे जानवरों के काटने से) के स्तर का सटीक निदान करेगी. अभी तक मरीजों के लक्षणों और अनुभव के आधार पर उपचार किया जाता था, लेकिन इस लैब के शुरू होने से यह स्पष्ट हो सकेगा कि मरीज को एंटी-वेनम इंजेक्शन की आवश्यकता है या नहीं. यह सुविधा दवाइयों के दुष्प्रभावों को कम करने और इलाज के खर्च को घटाने में मदद करेगी.

बढ़ती बीमारियों और मरीजों की संख्या को देखते हुए SMS अस्पताल ने क्लिनिकल हेमेटोलॉजी विभाग शुरू किया है. यह राजस्थान के किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज में अपनी तरह की पहली सुविधा है. इस विभाग में एनीमिया, लिम्फोमा, थैलेसीमिया, और विशेष रूप से ब्लड कैंसर के मरीजों का इलाज होगा. इसके लिए 20 बेड की एक अलग यूनिट बनाई गई है. सुपर स्पेशियलिटी डॉक्टरों की टीम खून से जुड़ी बीमारियों का इलाज करेगी, जिसमें CAR-T थेरेपी जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग होगा. पहले ये मरीज जनरल मेडिसिन विभाग में इलाज करवाते थे, लेकिन अब इस विशेष यूनिट में उन्हें बेहतर और केंद्रित उपचार मिलेगा.

मरीजों को अब मिल सकेगी बेहतर सुविधा

ये नई सुविधाएं SMS अस्पताल को स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं. हाल ही में शुरू किए गए डायबिटीज सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की तरह, जेनेटिक और टॉक्सिकोलॉजी लैब मरीजों को समय पर निदान और प्रभावी उपचार प्रदान करेंगी. ये पहल न केवल जयपुर के निवासियों, बल्कि पूरे राजस्थान के मरीजों के लिए लाभकारी होंगी. डिजिटल इंडिया और उन्नत चिकित्सा तकनीकों के उपयोग से अस्पताल स्वास्थ्य सेवाओं में नया मानक स्थापित कर रहा है.

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