सांठी एक प्राकृतिक औषधि, लिवर और डायबिटीज के लिए वरदान, जानें अनगिनत सेहत लाभ

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Santhi herb surprising health benefits: सांठी, जिसे “स्प्रेडिंग हॉगवीड” भी कहते हैं, एक प्राकृतिक औषधि है. इसका उपयोग आयुर्वेद में लिवर, अस्थमा, डायबिटीज और त्वचा रोगों के इलाज में होता है. इसमें फाइबर और एंटीड…और पढ़ें

सांठी लिवर और डायबिटीज के इलाज में उपयोगी है.

हाइलाइट्स

  • सांठी लिवर और डायबिटीज के इलाज में उपयोगी है.
  • सांठी में फाइबर और एंटीडायबिटिक गुण होते हैं.
  • सांठी का उपयोग अस्थमा और त्वचा रोगों में होता है.
Santhi herb surprising health benefits: प्रकृति में ऐसे अनमोल खजाने छिपे हैं, जिनकी तुलना किसी सिंथेटिक उत्पाद से नहीं की जा सकती. सांठी उन्हीं में से एक है. इसे “स्प्रेडिंग हॉगवीड” के नाम से भी जाना जाता है. यह इसके जमीन पर फैलने वाली प्रकृति को दर्शाता है. भारत में यह पौधा व्यापक रूप से पाया जाता है. पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसका उपयोग सदियों से विभिन्न रोगों के इलाज के लिए किया जाता रहा है.

इसे “सांठी” या “लाल सांठी” भी कहते हैं. वहीं इसका वैज्ञानिक नाम ‘ट्राइएंथेमा पोर्टुलाकास्ट्रम’ है. इसके औषधीय गुण अविश्वसनीय रूप से शक्तिशाली होते हैं. यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, जिनका लिवर दर्द निवारक और स्टेरॉयड के अत्यधिक सेवन से कमजोर हो गया है.

सांठी में मौजूद फ्लेवोनोइड्स, एल्कलॉइड्स और ग्लाइकोसाइड्स जैसे बायोएक्टिव यौगिक इसके औषधीय गुणों को बढ़ाते हैं, जिससे यह फार्मास्युटिकल और कॉस्मेटिक दोनों तरह के अनुप्रयोगों के लिए उपयोगी हो जाता है.

सुश्रुत संहिता में सांठी को मूत्रवर्धक के रूप में उल्लेख है. इसका उपयोग सूजन, पाचन समस्याओं और अन्य बीमारियों से मुकाबले करने के लिए भी किया जाता है. इसकी जड़ों का उपयोग लिवर संबंधी दिक्कतों को दूर करता है. अस्थमा और महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म (एमेनोरिया) संबंधी समस्याओं का इलाज भी करता है. जड़ के चूर्ण का काढ़ा यौन स्राव की समस्याओं में भी लिया जाता है.

इसमें फाइबर पाया जाता है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद करता है.  वजन घटाना चाहते हैं, तो सीमित मात्रा में सांठी का सेवन कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल से ब्लड में ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित होता है, जिससे डायबिटीज से बचा जा सकता है. इसके एंटीडायबिटिक गुण ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं.

पत्तियों की मांसल प्रकृति के कारण इन्हें घाव-पट्टी या पुल्टिस के रूप में घाव भरने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इस पौधे का उपयोग पारंपरिक रूप से बुखार, गठिया, त्वचा रोगों और पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाता आ रहा है.

अंशुमाला

अंशुमाला हिंदी पत्रकारिता में डिप्लोमा होल्डर हैं. इन्होंने YMCA दिल्ली से हिंदी जर्नलिज्म की पढ़ाई की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्षों से काम कर रही हैं. न्यूज 18 हिंदी में फरवरी 2022 से लाइफस्टाइ…और पढ़ें

अंशुमाला हिंदी पत्रकारिता में डिप्लोमा होल्डर हैं. इन्होंने YMCA दिल्ली से हिंदी जर्नलिज्म की पढ़ाई की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्षों से काम कर रही हैं. न्यूज 18 हिंदी में फरवरी 2022 से लाइफस्टाइ… और पढ़ें

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सांठी प्राकृतिक औषधि के रूप में इसके अद्भुत लाभ, जानिए यहां

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