जेलेंस्की ने कहा, “हमारी और ब्रिटेन की सोच एक जैसी है. हमें ऐसे स्पष्ट कदमों की जरूरत है जो शांति की दिशा में ले जाएं. साथ ही, हमें अपने सभी अंतरराष्ट्रीय साथियों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है. हम यूनाइटेड किंगडम, यूनाइटेड स्टेट्स और सभी साझेदारों की उस प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं, जो युद्ध को खत्म करने के लिए दिखाई जा रही है.” राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन सक्रिय रूप से कूटनीतिक प्रयासों का पक्षधर है.
इससे पहले उन्होंने ट्रंप और पुतिन की प्रस्तावित मुलाकात को लेकर राय रखी. संदेश स्पष्ट था कि यूक्रेन को शामिल किए बिना किसी भी तरह का सुलहनामा मुमकिन नहीं है और वो रूस को उपहार स्वरूप अपनी जमीन नहीं दे सकते. वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, “जो भी फैसले यूक्रेन के खिलाफ लिए जाएंगे, या जो फैसले हमारे बिना लिए जाएंगे, वे शांति के खिलाफ माने जाएंगे. ऐसे फैसले न तो कुछ हासिल कर पाएंगे और न ही उनका कोई भविष्य है. ऐसे फैसले मृत पैदा होते हैं, उनका कोई असर नहीं होता. हमें असली शांति चाहिए, जिसे लोग स्वीकार करें.” राष्ट्रपति ट्रंप ने पुतिन के साथ अलास्का में अपनी बैठक की तैयारियों की घोषणा की है. यह उस युद्ध से बहुत दूर है जो हमारे देश में चल रहा है, हमारे खिलाफ है, और जिसे किसी भी हालत में हमारे बिना समाप्त नहीं किया जा सकता.
‘यूक्रेन की जनता को नजरअंदाज करना सबसे बड़ी गलती’
उन्होंने आगे कहा, पुतिन ने हमारे लोगों पर विश्वास नहीं किया और इसलिए यूक्रेन पर कब्जा करने का निराशाजनक निर्णय लिया. यूक्रेनवासियों को नजरअंदाज करना उनकी सबसे बड़ी गलती थी. मुझे अपने लोगों पर विश्वास है. यूक्रेनवासी मजबूत हैं. यूक्रेनवासी अपने अधिकारों और अपनी भूमि की रक्षा कर सकते हैं.
दावा किया कि कई देश हैं जो आज भी उनके साथ खड़े हैं. जेलेंस्की ने कहा, “दुनिया में बहुत से लोग इस युद्ध में यूक्रेन के साथ खड़े हैं. जो रूस के साथ हैं, वो भी जानते हैं कि रूस सही नहीं कर रहा है. हम तोहफे में रूस को अपनी जमीन नहीं दे सकते. यूक्रेनी लोग शांति के हकदार हैं, लेकिन सभी साझेदारों को यह समझना होगा कि एक सम्मानजनक शांति क्या होती है.
‘युद्ध का अंत रूस को ही करना होगा’
यूक्रेन का राष्ट्रपति ने कहा, “इस युद्ध का अंत जरूरी है, और इसका अंत रूस को ही करना होगा. युद्ध रूस ने शुरू किया है और हर समय सीमा को नजरअंदाज करते हुए युद्ध को लंबा खींच रहा है. यही असली समस्या है, और कुछ नहीं. यूक्रेनी क्षेत्रीय मुद्दे का जवाब पहले से ही यूक्रेन के संविधान में मौजूद है. कोई भी इससे हट नहीं सकता और कोई हटने नहीं देगा. यूक्रेनवासी कभी भी अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे.”
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