नई दिल्ली41 मिनट पहले
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संसद में कल यानी सोमवार, 11 अगस्त को रिवाइज इनकम टैक्स बिल 2025 पेश किया जाएगा। 31 सदस्यों वाली सिलेक्ट कमेटी की ओर से बदलाव की सुझावों के बाद शुक्रवार (8 अगस्त) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 को वापस ले लिया था।
यहां नए इनकम टैक्स बिल, 2025 में सुझाए गए बदलावों को 8 आसान पॉइंट्स में समझते हैं…
- मौजूदा फ्रेमवर्क से जोड़ने की सिफारिश: संसदीय समिति की रिपोर्ट 21 जुलाई को लोकसभा में पेश की गई थी। इस रिपोर्ट में समिति ने सुझाव दिए कि बिल में चीजों को और ज्यादा स्पष्ट और सख्त करना चाहिए, अनक्लियर चीजों को हटाना चाहिए और नए कानून को मौजूदा फ्रेमवर्क के साथ जोड़ना चाहिए।
- 4584 पन्नों की रिपोर्ट में 566 सुझाव: परिभाषाओं को सख्त करना: बिल में कई शब्दों और नियमों परिभाषाएं पहले क्लियर नहीं थी। सिलेक्ट कमेटी इन्हें और ज्यादा स्पष्ट और सख्त करने की सिफारिश की है। अपने 4584 पन्नों की रिपोर्ट में कमेटी ने कुल 566 सजेशन और रिकमेंडेशन दिए हैं।
- पुराने कानूनों के साथ तालमेल: नए बिल को मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर और अन्य कानूनों (जैसे GST या कॉरपोरेट टैक्स नियमों) के साथ जोड़ने की कोशिश की गई है, ताकि दोनों पर एक साथ विचार करने की स्थिति में कोई कनफ्यूजन नहीं हो।
- टैक्सपेयर्स के लिए राहत: समिति ने सुझाव दिया है कि कुछ टैक्स स्लैब या छूट की सीमा को और आसान किया जाए, खासकर छोटे टैक्सपेयर्स और मिडिल क्लास के लिए।
- इनकम टैक्स रिफंड नियमों में बदलाव: सिलेक्ट कमेटी ने इनकम टैक्स रिफंड के उस नियम हो भी हटाने को कहा है, जिसमें ड्यू डेट के बाद ITR फाइल करने पर रिफंड नहीं मिलता है। पुराने बिल में रिफंड लेने वाले व्यक्ति को नियत तारीख के भीतर ITR दाखिल करना जरूरी था।
- 80M डिडक्शन में भी बदलाव के सुझाव: सिलेक्ट कमेटी ने नए विधेयक के खंड 148 के तहत 80M डिडक्शन में भी बदलाव करने के सुझाव दिए हैं। यह धारा 115BAA के अंतर्गत इंटर-कॉरपोरेट में स्पेशल रेट का फायदा लेने वाली कंपनियों के लिए है।
- माइक्रो बिजनेस को MSME के साथ इंटीग्रेट: करने में कमेटी की अन्य सिफारिशों में माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज की परिभाषा को MSME एक्ट के हिसाब से बनाना शामिल है।
- प्रोविडेंट फंड पर TDS नियमों में बदलाव: रिपोर्ट में एडवांस रूलिंग फीस, प्रोविडेंट फंड पर TDS, लो टैक्स सर्टिफिकेट्स और पेनल्टी पर स्पष्टता के लिए विधेयक में संशोधन की भी सिफारिश की गई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार, 11 अगस्त को लोकसभा में रिवाइज्ड इनकम टैक्स बिल पेश कर सकती हैं।
न्यू इनकम इनकम टैक्स बिल 2025 की 4 बड़ी बातें…
1. इनकम टैक्स बिल में असेसमेंट ईयर को टैक्स ‘ईयर’ से रिप्लेस किया गया है। बिल के पन्ने 823 से घटकर 622 रह गए हैं। हालांकि, चैप्टर्स की संख्या 23 ही है। सेक्शन 298 से बढ़ाकर 536 कर दिए गए हैं और शेड्यूल्स भी 14 से बढ़कर 16 हो गए है।
2. क्रिप्टो एसेट्स को किसी भी अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत गिना जाएगा, जैसे अभी नकदी, बुलियन और ज्वेलरी को शामिल किया जाता है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि डिजिटल ट्रांजैक्शन को भी पारदर्शी और कानूनी तरीके से कंट्रोल किया जा सके।
3. बिल में टैक्सपेयर्स चार्टर को शामिल किया गया है, जो टैक्स पेयर्स के अधिकारों को प्रोटेक्ट करेगा और टैक्स प्रशासन को ज्यादा ट्रांसपेरेंट बनाएगा। यह चार्टर टैक्सपेयर्स के हितों की रक्षा करने के साथ टैक्स अधिकारियों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को भी साफ करेगा।
4. सैलरी से संबंधित कटौतियां, जैसे कि स्टैंडर्ड डिडक्शन, ग्रेच्युटी और लीव एनकैशमेंट को अब एक ही जगह पर लिस्ट कर दिया गया है। पुराने कानून में मौजूद मुश्किल एक्सप्लेनेशन और प्रावधानों को हटा दिया गया है, जिससे टैक्सपेयर्स के लिए इसे समझना आसान हो जाएगा।
12 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री की
1 फरवरी को पेश बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया गया है। पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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1. लोकसभा में पेश हुआ इनकम टैक्स बिल: इसके पन्ने 823 से घटाकर 622 किए, अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत आएंगे क्रिप्टो एसेट
नया इनकम टैक्स बिल आज यानी गुरुवार, 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया है। 622 पन्नों वाला बिल 6 दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 को रिप्लेस करेगा। प्रस्तावित कानून को आयकर अधिनियम 2025 कहा जाएगा और अप्रैल 2026 में प्रभावी होने की उम्मीद है।
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