‘रेपो रेट पर RBI का फैसला समझदारी भरा…’ जानें MPC की बैठक में लिए फैसले पर एक्सपर्ट्स की राय

Repo Rate Cut: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी (MPC) की बैठक में लिए गए फैसले का ऐलान कर दिया गया है. इस बार बैठक में रेपो रेट को 5.5 परसेंट पर ही बरकरार रखने का फैसला लिया गया है. RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार, 6 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कमेटी के सभी सदस्यों की सर्वसम्मति से लिए गए नतीजे की घोषणा की. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कमेटी ने पॉलिसी पर अपनी रूख को भी ‘न्यूट्रल’ बनाए रखा है. आइए देखते हैं कि आरबीआई के इस फैसले पर एक्सपर्ट्स का क्या कहना है? 

अब आगे बढ़ने का सही समय 

होम एंड सोल की चेयरपर्सन साक्षी कटियाल कहती हैं कि दुनियाभर में टैरिफ बढ़ने के चलते आरबीआई ने रेपो रेट को स्थिर रखने का जो फैसला लिया है, वह समझदारी भरा कदम है. पूरे साल अपनाई गई उदार नीतियों की वजह से लोन लेना सस्ता हुआ है और बाजार में नकदी भी बढ़ी है. अब जब महंगाई काबू में है और आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ रही हैं, तो यह स्थिरता घर खरीदारों और डेवलपर्स दोनों के लिए यह साफ संकेत देती है कि अब आगे बढ़ने का सही समय है.

रियल एस्टेट को मिलेगी स्टेबिलिटी 

सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर (मार्केटिंग और बिजनेस मैनेजमेंट) सलिल कुमार का कहना है कि आरबीआई का रेपो रेट को स्थिर बनाए रखने का फैसला रेसिडेंशियल और कमर्शियल दोनों ही रियल एस्टेट सेगमेंट के लिए स्वागतयोग्य और स्थिरता देने वाला कदम है. केंद्रीय बैंक द्वारा न्यूट्रल रूख बनाए रखने से यह उम्मीद भी बनी रहती है कि आने वाले समय में दरों में कटौती हो सकती है, जिससे बाजार का सेंटिमेंट और मजबूत होगा.

उन्होंने आगे कहा, ”होमबायर्स के लिए स्थिर ब्याज दरें घर खरीदने को अफोर्डेबल बनाए रखती हैं और उन्हें आत्मविश्वास के साथ फैसला लेने में मदद करती हैं. वहीं, कमर्शियल सेक्टर में यह फैसला फाइनेंशियल क्लैरिटी लाएगा और लोन की लागत स्थिर रहने से खासकर ऑफिस और मिक्स्ड-यूज प्रोजेक्ट्स में निवेशकों की रुचि बढ़ सकती है. हमें उम्मीद है कि आरबीआई आगे भी ऐसा संतुलित रुख अपनाए रखेगा जिससे सभी प्रॉपर्टी सेगमेंट में लंबी अवधि का विकास जारी रह सके.”

दरों में कटौती से मिलता हाउसिंग डिमांड को बढ़ावा

पिरामिड इंफ्राटेक के अश्वनी कुमार कहते हैं, ”वर्तमान आर्थिक हालात को देखते हुए रेपो रेट को उसी स्तर पर बनाए रखने का आरबीआई का फैसला एक संतुलित और सतर्क रुख को दर्शाता है. हमारा मानना है कि अगर दरों में कटौती होती तो इससे हाउसिंग डिमांड को और बढ़ावा मिलता और बाजार में स्थिरता के साथ लोगों का भरोसा भी मजबूत होता. रियल एस्टेट सेक्टर के लिए ऐसी निरंतरता जरूरी है, क्योंकि यह मौजूदा खरीदारों की सकारात्मक सोच को बनाए रखने में मदद करती है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार घर खरीदने की योजना बना रहे हैं.”

भविष्य की सोच के साथ RBI ने लिया कदम

एक्सेंशिया इन्फ्रा के निदेशक मनित सेठी कहते हैं, ”रेपो रेट को 5.5 परसेंट पर स्थिर रखने का आरबीआई का फैसला एक स्थिर और भविष्य की सोच के साथ लिया गया कदम है. रियल एस्टेट सेक्टर के लिए ऐसी नीति में निरंतरता खरीदारों और डेवलपर्स दोनों में लंबे समय का भरोसा पैदा करती है. इससे लोन लेना आसान बना रहता है, निवेश को बढ़ावा मिलता है और त्योहारों से आगे भी ग्रोथ बनी रहती है. इस सेक्टर के लिए स्थिरता बहुत जरूरी है क्योंकि यह भरोसे और स्पष्टता पर ही टिका होता है.”

RBI का फैसला अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता

ट्राइडेंट रियल्टी के सीईओ परविंदर सिंह का कहना है,  ”रेपो रेट को स्थिर बनाए रखने के आरबीआई के फैसले का हम स्वागत करते हैं. वर्तमान आर्थिक माहौल, जो लगातार महंगाई और वैश्विक अनिश्चितताओं से घिरा हुआ है, उसमें यह स्थिरता रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए न सिर्फ आश्वस्त करने वाली है बल्कि प्रोत्साहन देने वाली भी है. स्थिर ब्याज दरों का वातावरण एक ओर जहां घर खरीदारों को भविष्य की योजना बनाने में आत्मविश्वास देता है, वहीं दूसरी ओर डेवलपर्स को दीर्घकालिक और मूल्य-आधारित परियोजनाओं पर केंद्रित रहने का अवसर प्रदान करता है.”

उन्होंने आगे कहा, ”यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती पर भरोसे को दर्शाता है और एक स्वस्थ निवेश माहौल को समर्थन देता है. यह न केवल आवासीय मार्केट में धारणा को सशक्त करता है, बल्कि आज के घर खरीदारों और समुदायों की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए टिकाऊ और भविष्य-तैयार परियोजनाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी और अधिक सुदृढ़ करता है.” 

लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट में मांग में तेजी की उम्मीद

वहीं, AU रियल एस्टेट के डायरेक्टर आशीष अग्रवाल ने कहा, ”हम आरबीआई के रेपो रेट को यथावत बनाए रखने के फैसले की सराहना करते हैं क्योंकि इससे रियल एस्टेट सेक्टर को वह आवश्यक स्थिरता मिलती है, जिसकी मौजूदा परिस्थितियों में सबसे अधिक जरूरत है. एयू रियल एस्टेट में हमारा मानना है कि रेपो दर में निरंतर स्थिरता से बाजार, विशेष रूप से लग्जरी प्रॉपर्टी जैसे उच्च-मूल्य वाले दीर्घकालिक निवेश क्षेत्रों में, भरोसा और पारदर्शिता कायम होती है.”

वह आगे कहते हैं, ”स्थिर ब्याज दरें न केवल घर की सामर्थ्य को बढ़ाती हैं, बल्कि होम लोन को भी अधिक सुलभ बनाती हैं. जैसे-जैसे फाइनेंसिंग आसान होती जाएगी, हम लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट में मांग में तेजी की उम्मीद करते हैं, खासकर उन ग्राहकों से, जो अपने जीवनशैली की आकांक्षाओं को पूरा करने वाले बेहतरीन और अनुकूलित घरों की तलाश में हैं. यह स्थिर आर्थिक माहौल न केवल खरीदारों के आत्मविश्वास को बढ़ाता है, बल्कि हमें भी उच्च गुणवत्ता वाले, विशिष्ट और टिकाऊ लग्जरी प्रोजेक्ट्स के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करता है.”

गंगा रियल्टी के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर विकास गर्ग का कहना है कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर बनाए रखने का फैसला बाजार में स्थिरता को मजबूत करता है — जो कि आज की आर्थिक स्थिति में घर खरीदारों और बिल्डरों दोनों के लिए बेहद अहम है.लग्ज़री हाउसिंग सेगमेंट में, जहां खरीदारों की उम्मीदें और निवेश की रकम दोनों ज्यादा होती हैं, वहां ब्याज दरों में स्थिरता से लोगों का भरोसा बना रहता है और खरीददारी में तेजी बनी रहती है. 

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