RBI Repo Rate Cut: आरबीआई की मौद्रिक समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद बुधवार को गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में किसी तरह के परिवर्तन नहीं करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही, उन्होंने चालू वित्त वर्ष (2025-26) के दौरान सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत बरकरार रखा है. साथ ही, केन्द्रीय बैंक ने मुद्रा स्फीति के अनुमान को 3.7 प्रतिशत से कम कर के 3.1 प्रतिशत करने का अनुमान लगाया है.
आइये जानते हैं गवर्नर संजय मल्होत्रा की पांच बड़ी बातें-
1. वित्त वर्ष 2025-26 के लिए तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति के फैसले साझा करते हुए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि सामान्य से बेहतर दक्षिण-पश्चिम मानसून, कम मुद्रास्फीति, क्षमता उपयोग में बढ़ोतरी और अनुकूल वित्तीय स्थितियां घरेलू आर्थिक गतिविधियों को समर्थन दे रही हैं. मजबूत सरकारी पूंजीगत व्यय सहित सहायक मौद्रिक, नियामकीय एवं राजकोषीय नीतियों से भी मांग में तेजी आने की उम्मीद है. आने वाले महीनों में निर्माण और व्यापार में निरंतर वृद्धि से सेवा क्षेत्र में भी गति बनी रहने के आसार हैं.
2. गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वृद्धि दर मजबूत है और अनुमानों के अनुरूप बनी हुई है. हालांकि, यह हमारी आकांक्षाओं से कम है. शुल्क की अनिश्चितताएं अब भी बनी हुई हैं. मौद्रिक नीति का लाभ अभी भी मिल रहा है. फरवरी 2025 से रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती का अर्थव्यवस्था पर असर अब भी जारी है.
3. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि घरेलू वृद्धि दर स्थिर है और मोटे तौर पर आकलन के अनुरूप ही आगे बढ़ रही है. हालांकि, मई-जून में कुछ उच्च-आवृत्ति संकेतकों (जैसे जीएसटी संग्रह, निर्यात, बिजली की खपत आदि) ने मिले-जुले संकेत दिए हैं. मल्होत्रा ने कहा कि ग्रामीण उपभोग में स्थिरता बनी हुई है, जबकि शहरी खपत में सुधार देखा गया है, विशेष रूप से विवेकाधीन व्यय धीमा है.
4. संजय मल्होत्रा ने कहा कि लंबे समय से जारी भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक अनिश्चितताएं और वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता से उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियां वृद्धि परिदृश्य के लिए जोखिम उत्पन्न कर रही हैं. गवर्नर ने कहा, “इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए 2025-26 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.” इसके तहत पहली तिमाही में 6.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.3 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है. वहीं, वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. जोखिम दोनों ओर समान रूप से संतुलित हैं.
5. मुद्रास्फीति पर गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर लगातार आठवें महीने गिरकर जून में 77 महीनों के निचले स्तर 2.1 प्रतिशत पर आ गई. मुख्य रूप से खाद्य मुद्रास्फीति में भारी गिरावट के कारण महंगाई दर में यह गिरावट आई है. उन्होंने कहा, “2025-26 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान जून में अपेक्षा से अधिक अनुकूल रहा है.”
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