रांची की मां-बेटी ने अमेरिका तक मचाया है धूम, ब्रांड की देशभर में है चर्चा

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Success Story: रांची की हाउसवाइफ से सक्सेसफुल बिजनेस वुमन बनीं ललिता सिंह झा की कहानी दिलचस्प है. उन्होंने अपने ब्रांड का नाम ‘मां-बेटी’ रखा है. मधुबनी पेंटिंग में माहिर ललिता के कपड़े विदेशों में भी लोकप्रिय ह…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • ललिता सिंह झा ने मधुबनी पेंटिंग से बनाई पहचान.
  • मां-बेटी की जोड़ी ने झारखंड से विदेश तक मचाया तहलका.
  • ललिता के कपड़े अमेरिका, कनाडा में भी लोकप्रिय.
रांची: झारखंड की राजधानी रांची की रहने वाली ललिता सिंह झा अब एक हाउसवाइफ नहीं है. बल्कि एक सक्सेसफुल बिजनेस वुमन बन चुकी है. इतना ही नहीं उन्होंने अपने ब्रांड की भी शुरुआत की है, जिसका नाम है मां-बेटी रखा है. क्योंकि वह कुछ ऐसा कपड़ा बनाती हैं, जो विशेष तौर पर मांबेटी के लिए होता है और ललिता के साथ उनकी बेटी भी डिजिटल मार्केटिंग में उनका पूरा सहयोग करती है. ऐसे में इस मां-बेटी की जोड़ी ने झारखंड ही नहीं बल्कि विदेश तक तहलका मचा के रखा है.

ललिता ने लोकेल 18 को बताया मेरे ब्रैंड का नाम मां-बेटी इसलिए है. क्योंकि मैं , मां-बेटी मिलकर काम करती हूं और मां-बेटी के लिए ही कपड़े बनाती हूं. दरअसल, ललिता मधुबनी पेंटिंग करती है और इतनी खूबसूरत पेंटिंग की आप देख कर बोलेंगे की यह मशीन से प्रिंट करके निकला गया है. “एकदम परफेक्ट रहता है. एक बार इनका अगर कोई एक कपड़े खरीद ले तो आलम यह है कि वह अमेरिका जाकर भी इन्हीं से कोरियर करके प्रोडक्ट मंगाता है.

मधुबनी पेंटिंग की क्वीन हैं ललिता

ललिता मधुबनी पेंटिंग की क्वीन कही जाती हैं. उनके द्वारा बनाए गए कपड़े सिर्फ लोकल ही नहीं बल्कि, अगर आर्मी में कोई स्पेशल फंक्शन होता है तो यही से सम्मान के लिए शॉल ऑर्डर होता है. केंद्र सरकार के बड़े-बड़े समारोह के लिए यही से गिफ्ट आइटम ऑर्डर होते हैं. जिसमें खूबसूरत मधुबनी पेंटिंग बने होते हैं. यूएस, फ्रैंकफर्ट व कनाडा जैसे शहरों में रहने वाले लोग इनसे ऑनलाइन ऑर्डर लेते हैं.

ललिता बताती हैं कि ऐसा नहीं है कि यहां तक पहुंचने के लिए कोई संघर्ष नहीं रहा या फिर मेरे लिए कोई रेड कारपेट बिछा था. जब शुरुआत की थी तो थोड़ा मुश्किल होता था. क्योंकि, मार्केट में ब्लॉक प्रिंट के कई सारे कपड़े आपको मिलेंगे, जो इसके मुकाबले काफी सस्ते होते हैं, लेकिन इसकी क्वालिटी और हमारी क्वालिटी में जमीन आसमान का फर्क होता है.

समय के साथ जीता लोगों का भरोसा

ऐसे में मैंने समय के साथ लोगों का भरोसा जीता. तब जाकर आज मेरे कस्टमर विदेश से लेकर भारत के हर एक कोने में है, लेकिन हमने अपनी क्वालिटी से कभी समझौता नहीं किया. एक दुपट्टे में पेंटिंग करने में 6 से 7 घंटे कंटिन्यू लग जाते हैं. अगर साड़ी की बात की जाए तो दो से तीन दिन लग जाते हैं. दिन-रात कभी-कभी तो पूरे रात भर बैठकर पेंटिंग करती हूं, लेकिन, इसमें मेरे पति अजीत और मेरे बच्चों का भरपूर सहयोग रहा है.

उन्होंने आगे बताया कि मेरे घर में तो कोई मधुबनी पेंटिंग नहीं करता था. लेकिन मेरे पिताजी को बड़ा शौक था कि वह मुझे यह सिखाये. ऐसे में उन्होंने मुझे इसकी ट्रेनिंग दिलवाई और आज उनके बदौलत मैं यहां तक पहुंच पाई हूं. अगर आप ललित द्वारा पेंट की गई कपड़े की शॉपिंग करना चाहते हैं तो इस नंबर पर 9431107779 संपर्क कर सकते हैं.

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