RBI Repo Rate: देश में रक्षाबंधन के त्योहार से पहले भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से एक बार फिर से ब्याज दर में कटौती का तोहफा दिया जा सकता है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 4 से 6 अगस्त के बीच रिजर्व बैंक की होने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स (bps)की कटौती का ऐलान किया जा सकता है.
त्योहारी सीजन में क्रेडिट ग्रोथ को मिलेगा बढ़ावा
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त में ब्याज दरों में कटौती के चलते क्रेडिट ग्रोथ को बढ़ावा मिलने से ‘जल्दी दिवाली’ आ सकती है क्योंकि वित्त वर्ष 2026 में त्योहारी सीजन की भी जल्द शुरुआत होने वाली है.
इसमें आगे कहा गया है कि पिछले आंकड़ों को देखते हुए यह साफ समझ में आता है कि दिवाली से पहले रेपो रेट घटने से त्योहारी सीजन में क्रेडिट ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है. इसमें आगे कहा गया, हमें उम्मीद है कि अगस्त में होने वाली MPC की बैठक में रिजर्व बैंक फिर से रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती करेगी.
रिपोर्ट में बताया गया कि अगस्त 2017 में रेपो दर में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती करने के बाद दिवाली के आखिर तक क्रेडिट ग्रोथ में 1,956 अरब रुपये का उछाल आया था. इनमें से लगभग 30 परसेंट अकेले पर्सनल लोन सेगमेंट से था.
चूंकि दिवाली देश के बड़े त्योहारों में से एक है इसलिए इस दौरान उपभोक्ता खर्च में वृद्धि देखने को मिलती है और दिवाली से पहले इंटरेस्ट रेट के कम होने से लोन लेने की दर में भी सुधार देखने को मिलता है. कम रेपो रेट बैंकों की उधारी देने की लागत को कम करती है, जिससे वे ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर लोन दे पाते हैं.
अब तक तीन बार की जा चुकी है कटौती
साल 2025 में अब तक आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में तीन बार कटौती की जा चुकी है. इससे पहले फरवरी और अप्रैल में हुई MPC की बैठक में रेपो रेट में 25-25 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई थी. इसके बाद जून में रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई, जिससे यह 6 परसेंट से घटकर 5.50 परसेंट पर आ गई.
रेपो रेट कम होने से होम लोन सस्ता हो जाता है क्योंकि होम लोन की दरें रेपो रेट से जुड़ी हुई होती हैं. ब्याज दरें कम होंगी, तो घरों और कारों की खरीदारी के लिए लोग लोन लेंगे. इससे इकोनॉमी में लिक्विडिटी बढ़ती है और ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है.
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