Raksha Bandhan 2025: राखी में कितनी गांठें लगाएं? सही दिशा और नियम जानिए आचार्य से, बढ़ेगा भाई-बहन का प्यार

उज्जैन. हिन्दू धर्म में रक्षाबंधन का पर्व बड़ा ही पवित्र माना जाता है. यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक त्योहार होता है. रक्षाबंधन में अब कुछ ही दिन शेष हैं. देशभर में इस त्योहार को खूब धूमधाम से मनाया जाता है. त्योहार को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. बाजार राखियों से सजे नजर आ रहे हैं. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र (राखी) बांधती हैं. बहनें भाइयों के सफल भविष्य की कामना करती हैं और भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं.

भाई-बहनों के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन इस साल 9 अगस्त को मनाया जाएगा. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार शास्त्रो मे कई ऐसे नियम बताए गए है. जिनका पालन करने से बहन-भाई के रिश्तो मे मिठास बढ़ती है. जैसे – राखी बांधते समय कितनी गाठ लगाना चाहिए, किस दिशा मे राखी बांधना चाहिए. आइए जानते है विस्तार से.

कितनी गाठ बांधना क्यों जरूरी?
पहली गाठ – राखी में 3 गांठें बांधने के पीछे बहुत ही गहरी मान्यता छिपी हुई है. ऐसा माना जाता है कि ये तीन गांठें त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) का प्रतीक होती हैं. पहली गांठ ब्रह्मा जी को समर्पित होती है, जो सृष्टि के रचयिता हैं. इससे जीवन की अच्छी शुरुआत और जीवन की अच्छी शुरुआत और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है.

दूसरी गाठ – भगवान विष्णु को समर्पित होती है, जो जगत के पालनहार कहलाते हैं. ये भाई की रक्षा, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देने के लिए होती है.

तीसरी गाठ – तीसरी गांठ महादेव को समर्पित मानी जाती है, जो संहारक और मोक्षदाता हैं. यह गांठ बुरी शक्तियों से सुरक्षा और बुरे कर्मों से बचाव का संकेत देती है.

दिशा का रखें ध्यान 
भाई को राखी बांधते समय बहन को दिशा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. ऐसा करने से भाई और बहन दोनों को ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसलिए ध्यान रखें कि, राखी बांधते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर हो और बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर. ये दोनों की दिशा भाई-बहन के लिए सबसे उत्तम मानी जाती हैं.

जरूर करें यह मन्त्र का जाप 
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि,रक्षे माचल माचल:।। इस मंत्र का अर्थ है कि ‘जो रक्षा धागा परम कृपालु राजा बलि को बांधा गया था, वही पवित्र धागा मैं तुम्हारी कलाई पर बांधती हूं, जो तुम्हें सदा के लिए विपत्तियों से बचाएगा.

.

Source link

Share me..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *