भाई-बहनों के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन इस साल 9 अगस्त को मनाया जाएगा. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार शास्त्रो मे कई ऐसे नियम बताए गए है. जिनका पालन करने से बहन-भाई के रिश्तो मे मिठास बढ़ती है. जैसे – राखी बांधते समय कितनी गाठ लगाना चाहिए, किस दिशा मे राखी बांधना चाहिए. आइए जानते है विस्तार से.
पहली गाठ – राखी में 3 गांठें बांधने के पीछे बहुत ही गहरी मान्यता छिपी हुई है. ऐसा माना जाता है कि ये तीन गांठें त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) का प्रतीक होती हैं. पहली गांठ ब्रह्मा जी को समर्पित होती है, जो सृष्टि के रचयिता हैं. इससे जीवन की अच्छी शुरुआत और जीवन की अच्छी शुरुआत और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है.
दूसरी गाठ – भगवान विष्णु को समर्पित होती है, जो जगत के पालनहार कहलाते हैं. ये भाई की रक्षा, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देने के लिए होती है.
दिशा का रखें ध्यान
भाई को राखी बांधते समय बहन को दिशा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. ऐसा करने से भाई और बहन दोनों को ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसलिए ध्यान रखें कि, राखी बांधते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर हो और बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर. ये दोनों की दिशा भाई-बहन के लिए सबसे उत्तम मानी जाती हैं.
जरूर करें यह मन्त्र का जाप
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि,रक्षे माचल माचल:।। इस मंत्र का अर्थ है कि ‘जो रक्षा धागा परम कृपालु राजा बलि को बांधा गया था, वही पवित्र धागा मैं तुम्हारी कलाई पर बांधती हूं, जो तुम्हें सदा के लिए विपत्तियों से बचाएगा.
.