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Railway Knowledge: क्या आपको पता है रेलवे स्टेशन पर कौन सी ट्रेन किस प्लेटफार्म पर रुकेगी ये कौन तय करता है? कैसे ट्रेन का अचानक प्लेटफॉर्म बदल जाता है? यहां मिलेगा जवाब…
किसी मंडल की बात करें तो मंडल का ट्रेन कंट्रोल रूम और किसी स्टेशन की बात करें तो वहां का स्टेशन मास्टर इस बात के लिए जिम्मेदार होता है कि ट्रेन को किस प्लेटफार्म के लिए सिग्नल देना है. वहीं, ट्रेन के आने से पहले स्टेशन मास्टर अपने अन्य अधिकारी और कर्मचारी से वार्तालाप कर किसी भी ट्रेन के प्लेटफार्म चेंज करने का डिसीजन लेते हैं. स्टेशन मास्टर सुनिश्चित करते हैं कि यात्रियों को कोई भी असुविधा न हो. इसके अलावा स्टेशन पर मौजूद पॉइंट्स मैन और गेटमैन भी ट्रेन के आवागमन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
रेलवे से रिटायर्ड अधिकारी एसके श्रीवास्तव ने बताया, किसी भी स्टेशन पर तैनात स्टेशन मास्टर अंतिम प्राधिकारी होता है, जो प्लेटफार्म की भौतिक स्थिति के आधार पर ट्रेन को प्लेटफार्म में लगाने का निर्णय लेता है. क्योंकि, ट्रेन को प्लेटफार्म में रोकने के दौरान ट्रेन की लंबाई, प्लेटफार्म खाली होने से लेकर स्टेशन में मौजूद पहले से किसी अन्य ट्रेन को देखकर यह निर्णय लिया जाता है. इतना ही नहीं, ट्रेन के प्रकार को भी देखकर स्टेशन में ट्रेन रोकी जाती है.
कंट्रोल रूम करता है निर्धारण
आगे बताया, अमूमन सारी ट्रेनों के प्लान बने होते हैं, जिसके आधार पर ट्रेन प्लेटफार्म में रुकती हैं. लेकिन, किसी कारणवश ट्रेन के प्लेटफार्म को अचानक इमरजेंसी में बदला जाता है, तब इसका निर्णय रेलवे के अधिकारी करते हैं. उन्होंने बताया, रेलवे के रूट का निर्धारण से लेकर किस ट्रेन को आगे और पीछे जाना है, यह मंडल का कंट्रोल रूम तय करता है. जैसे जबलपुर रेल मंडल का कंट्रोल रूम जबलपुर में है. इसके अंतर्गत दर्जनों स्टेशन आते हैं, ऐसे में अंतिम निर्णय मंडल के कंट्रोल रूम से होता है कि कौन सी ट्रेन पहले जाएगी और कौन सी ट्रेन बाद में.
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