Last Updated:
Khandwa News: भले ही इस तरीके को वैज्ञानिक दृष्टि से पूरी तरह प्रमाणित न किया गया हो लेकिन अरोमा थेरेपी में यह जरूर माना जाता है कि कुछ लकड़ियों की सुगंध हमारे मस्तिष्क को शांत करती है. जैसे चंदन की लकड़ी या कप…और पढ़ें
ग्रामीण क्षेत्रों में यह मान्यता है कि कुछ विशेष लकड़ियों में प्राकृतिक ऊर्जा होती है, जो आसपास के वातावरण को शुद्ध करती हैं. बीया की लकड़ी को विशेष रूप से प्रभावशाली माना गया है. यह पेड़ मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाया जाता है. इसकी लकड़ी में खास सुगंध और ऊर्जा होती है. बड़े-बुजुर्ग कहते थे कि रात को सोते समय अगर इस लकड़ी का छोटा टुकड़ा खाट या गद्दे के नीचे रखा जाए, तो इंसान पर बुरी आत्माओं, काले साये या बुरे सपनों का असर नहीं होता. यह मानसिक शांति देती है, जिससे गहरी नींद आती है.
1. बीया की लकड़ी का एक छोटा टुकड़ा (करीब 6-8 इंच का) लें.
2. इसे किसी साफ कपड़े में लपेटकर अपने पलंग या खटिया के नीचे रखें, विशेषकर सिरहाने की ओर.
4. हर 15-20 दिन में इसे बदल देना अच्छा होता है क्योंकि धीरे-धीरे इसकी गंध खत्म होने लगती है.
और क्या हैं लाभ?
केवल बुरे सपनों से बचाव ही नहीं, यह लकड़ी बच्चों को शांत रखने, रोने-धोने की आदत कम करने और बुजुर्गों को भी सुकून देने में मदद करती है. कुछ लोग इसे नजरदोष से भी जोड़ते हैं और मानते हैं कि यह नकारात्मक ऊर्जा को घर से दूर रखती है. बहरहाल पुराने जमाने के लोगों के अनुभव सदियों की परंपरा और प्रकृति की समझ पर आधारित थे. बीया की लकड़ी को बुरे सपनों से बचाने का उपाय मानना एक ऐसा देसी ज्ञान है, जिसे आज भी कई लोग अपनाते हैं. तो अगर आप या आपके परिवार में कोई व्यक्ति रात में बुरे सपनों से परेशान है, तो इस दादी-नानी के नुस्खे को एक बार जरूर आजमाएं. हो सकता है, इसका असर आपको भी सुकून भरी नींद की ओर ले जाए.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
.