राजगढ़ जिले की राजनीति में शनिवार को बड़ा फेरबदल हुआ। कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व मंत्री और खिलचीपुर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले प्रियव्रतसिंह को जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। राष्ट्रीय महासचिव के.सी. वेनुगोपाल द्वारा जारी पत्र के स
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पार्टी सूत्रों का कहना है कि लंबे समय से जिलाध्यक्ष पद पर कई नेताओं की दावेदारी और गुटबाजी को देखते हुए हाईकमान ने संगठन को एकजुट करने के लिए प्रियव्रतसिंह पर भरोसा जताया है।
जिले की राजनीति में संतुलन साधने की कोशिश राजगढ़ जिला कांग्रेस में लंबे समय से खींचतान चल रही थी। अलग-अलग गुट अपनी दावेदारी मजबूत करने में लगे थे। ऐसे में प्रियव्रतसिंह की नियुक्ति को “संतुलन का फैसला” माना जा रहा है। वे एक ओर राजघराने की पृष्ठभूमि से आते हैं, वहीं उनकी सादगी और साफ छवि ने उन्हें जनता और कार्यकर्ताओं दोनों के बीच स्वीकार्य बनाया है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि उनकी ताजपोशी से संगठन को नई ऊर्जा मिल सकती है।
राजनैतिक सफर : पंचायत से कैबिनेट तक प्रियव्रतसिंह का राजनीति में सफर वर्ष 2000 से शुरू हुआ, जब वे निर्विरोध जिला पंचायत सदस्य चुने गए। इसके बाद 2003 और 2008 में लगातार दो बार खिलचीपुर से कांग्रेस विधायक बने। 2009 में अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के महासचिव बनाए गए।
वर्ष 2018 में वे एक बार फिर विधायक बने और कमलनाथ सरकार में 29 दिसम्बर 2018 से 20 मार्च 2020 तक ऊर्जा मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। ऊर्जा मंत्री रहते हुए उन्होंने क्षेत्र में बिजली व्यवस्था को मजबूत करने और विकास कार्यों की सौगात देने का प्रयास किया।
चुनावी हार के बाद संगठन में नई भूमिका हालांकि 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन पार्टी ने उनकी सक्रियता को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया। अब जिला कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपकर पार्टी ने यह संकेत दे दिया है कि आने वाले चुनावों में प्रियव्रतसिंह की भूमिका अहम रहने वाली है।
संगठन को जमीन पर मजबूत करने की चुनौती प्रियव्रतसिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती संगठन को जमीनी स्तर तक सक्रिय करना और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट रखना होगी। जिले में भाजपा का मजबूत आधार है, ऐसे में कांग्रेस को मजबूती देने के लिए नई रणनीति की जरूरत होगी।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि प्रियव्रतसिंह की नियुक्ति से संगठन में नया जोश आएगा और वे जिले की राजनीति में कांग्रेस को फिर से मजबूत स्थिति में खड़ा कर सकते हैं।
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