ग्वालियर में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में मूल परीक्षार्थी के स्थान पर परीक्षा देने वाले सॉल्वर व उसके एजेंट को श्योपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था, क्योंकि इसने श्योपुर के एक परीक्षार्थी के बदले परीक्षा दी थी।
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इस मामले में ग्वालियर के कंपू थाना में धोखाधड़ी व परीक्षा एक्ट के तहत मामला दर्ज है। आरोपियों की गिरफ्तारी होने का पता चलते ही कंपू थाना पुलिस श्योपुर से उन्हें प्रोटेक्शन वारंट पर लेकर आई है। पुलिस अब उनसे रैकेट के अन्य सदस्यों की जानकारी के साथ-साथ इस फर्जीवाड़ा को किस तरह अंजाम दिया पूछताछ में जुट गई है।
बताया गया है कि वर्ष 2023 में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में लिखित परीक्षा हुई थी। उस समय श्योपुर के एक परीक्षार्थी के बदले परीक्षा देने वालों पर जब मामला दर्ज हुआ तो उन्होंने श्योपुर में कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जिस पर श्योपुर पुलिस ने उनको हिरासत में लिया। चूंकि पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़ा का मामला कंपू थाने मे दर्ज था, इसलिए कंपू पुलिस को जानकारी लगी तो उन्हें श्योपुर से प्रोटेक्शन वारंट पर ग्वालियर लाया गया।
आरोपियों में सत्येन्द्र रावत पुत्र श्रीपत रावत निवासी टेंटरा मुरैना और सुरेंद्र पुत्र मनसुख कुशवाह निवासी सबलगढ़ है। सत्येंद्र ने दीपक रावत के स्थान पर फर्जी परीक्षार्थी बन कर परीक्षा दी थी। जबकि सुरेन्द्र कुशवाह ने आधार में बॉयोमेट्रिक अपडेट से लेकर पूरी डील की कराई थी। सुरेन्द्र कियोस्क सेंटर संचालक है। उनके साथ इस रैकेट में और कौन-कौन शामिल है यह पूछताछ कंपू थाना पुलिस आरोपियों से कर रही है, जिनसे उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सके।
कंपू थाना प्रभारी अमर सिंह सिकरवार ने बताया
आरोपियों को प्रोटेक्शन वारंट पर लाया गया है। उनके साथ इस फर्जीवाड़ा में कौन-कौन शामिल था और किसकी क्या भूमिका थी यह पूछताछ की जा रही है।
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