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Raksha Bandhan Sweets: रक्षाबंधन पर्व के मौके पर बघेलखंड की रसोई मीठी खुशबू से महक उठती है. यहां खाजा, तिलकुट, नारियल की मिठाई, काची और गुजिया जैसी पारंपरिक मिठाइयों के बिना त्योहार अधूरा माना जाता है. घर में बनी इन मिठाइयों का स्वाद न सिर्फ यादगार होता है बल्कि सेहत के नजरिए से भी सुरक्षित माना जाता है.
राखी के त्योहार पर मिठाइयों का खास महत्व होता है लेकिन बाजार से खरीदी गई मिठाइयां कई बार सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं. ऐसे में बघेलखंड के लोग पीढ़ियों से घर पर बनने वाली पारंपरिक मिठाइयों पर भरोसा करते आए हैं. ये मिठाइयां न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होती हैं बल्कि इनमें अपनापन और त्योहार की असली खुशबू भी होती है.

राखी की थाली में अगर बघेलखंड की मिठाइयां न हों, तो त्योहार अधूरा सा लगता है. यहां की खाजा, तिलकुट, नारियल की मिठाई, काची और गुजिया जैसी मिठाई न सिर्फ स्वाद का मजा देती हैं बल्कि हर बाइट में बचपन की यादें और घर का अपनापन भी समेटे होती हैं.

राखी की थाली में खाजा का होना जैसे परंपरा का हिस्सा है. मैदा, घी और पानी से तैयार सख्त आटे की पतली परतें बनाई जाती हैं, फिर इन्हें तलकर चीनी की चाशनी में डुबोया जाता है. इलायची और केसर की खुशबू इसे त्योहार की शान बना देती है.

भुने हुए तिल और गुड़ की गाढ़ी चाशनी का मेल तिलकुट को अद्वितीय स्वाद देता है. चौकोर या हीरे जैसे टुकड़ों में कटा यह व्यंजन न केवल स्वादिष्ट है बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. राखी के दिन इसका मीठा स्वाद रिश्तों में और मिठास घोल देता है.

ताजा कसा नारियल और चीनी-दूध का संगम नारियल की मिठाई को खास बनाता है. घी में हल्का भूनने के बाद इसे गाढ़ा पकाया जाता है और टुकड़ों में काटा जाता है. इसका नर्म स्वाद हर उम्र के लोगों को अपना दीवाना बना देता है.

सिंघाड़े के आटे और घी से तैयार काची अपनी हल्की खुशबू और मुलायम स्वाद के लिए मशहूर है. भुने आटे में बनी मीठी चाशनी मिलाकर तैयार की गई यह मिठाई त्योहार के साथ-साथ रोजमर्रा की मीठी चाहत को भी पूरा करती है.

खोया, नारियल, सूखे मेवे और चीनी की भरावन से बनी गुजिया त्योहार की रानी मानी जाती है. सुनहरी तल कर तैयार की गई गुजिया न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होती है बल्कि राखी के मौके पर बहन-भाई के रिश्ते की मिठास को भी और गहरा कर देती है.

राखी पर इन मिठाइयों की मौजूदगी बघेलखंड की संस्कृति और पारिवारिक जुड़ाव को दर्शाती है. यहां के लोग मानते हैं कि घर की बनी मिठाई में स्वाद ही नहीं बल्कि अपनेपन का तड़का भी होता है, जो किसी भी त्योहार को यादगार बना देता है.
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