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Yoga Poses for Periods Pain: महिलाओं के लिए मासिक धर्म के दर्द को कम करने के लिए कई उपाय मौजूद हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ सरल योगासन इस दर्द को नेचुरली कम कर सकते हैं? जानिए कैसे आप इन आसान योगासन को अ…और पढ़ें
ऋषिकेश स्थित ओम योगा सेंटर की योगा ट्रेनर रश्मि बताती हैं कि कुछ विशेष योगासन पीरियड्स के दर्द को कम करने में बेहद प्रभावी होते हैं. लोकल 18 से बातचीत के दौरान रश्मि ने बताया कि पवनमुक्तासन, सुप्त भद्रकोणासन और बटरफ्लाई पोज जैसे आसन न केवल दर्द को कम करते हैं बल्कि शरीर को ऊर्जा और मजबूती भी देते हैं. महिलाएं इन आसनों को नियमित रूप से अपनाकर अपने पीरियड्स को आरामदायक बना सकती हैं.
पवनमुक्तासन को गैस रिलीज पोज भी कहा जाता है. इसे करने के लिए योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं. दोनों पैरों को मोड़कर घुटनों को छाती की ओर लाएं और हाथों से पकड़ें. धीरे-धीरे सिर उठाकर ठुड्डी को घुटनों से लगाने की कोशिश करें और कुछ सेकंड वहीं रहें. यह आसन पेट की मांसपेशियों पर दबाव डालता है जिससे गैस, सूजन और पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द कम होता है. इसके अलावा यह कमर और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है.
सुप्त भद्रकोणासन के फायदे
सुप्त भद्रकोणासन पीरियड्स क्रैम्प्स के लिए बेहद आरामदायक माना जाता है. इसे करने के लिए पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें और तलवों को आपस में जोड़ लें. पैरों को तितली की तरह बाहर फैलाएं और हाथों को शरीर के बगल में आराम से रखें. गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें. इस आसन से पेट के निचले हिस्से में खिंचाव कम होता है, रक्त प्रवाह बेहतर होता है और पीरियड्स के दौरान तनाव और थकान में भी कमी आती है.
बटरफ्लाई पोज यानी तितली आसन करना आसान और प्रभावी है. जमीन पर बैठकर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें और तलवों को मिलाएं. हाथों से पैरों को पकड़ें और घुटनों को ऊपर-नीचे तितली के पंखों की तरह हिलाएं. यह आसन कूल्हों और जांघों की मांसपेशियों में लचीलापन लाता है. पीरियड्स के दौरान पेल्विक क्षेत्र की जकड़न कम होती है और रक्त संचार सही रहता है. साथ ही मानसिक रूप से भी यह शांति प्रदान करता है.
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योग से मिलने वाले फायदे
नियमित रूप से इन आसनों का अभ्यास करने से महिलाओं की पेट और पेल्विक मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. इससे पीरियड्स के दौरान ऐंठन धीरे-धीरे कम होती है. योग तन और मन दोनों को संतुलित रखता है, जिससे मूड स्विंग्स की समस्या पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है. विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर महिलाएं हर दिन केवल 15 से 20 मिनट इन आसनों का अभ्यास करें तो मासिक धर्म के दर्द में काफी राहत मिल सकती है.