Period Pain: पीरियड्स के दौरान पेट में होता है असहनीय दर्द? तुरंत अपनाएं ये 7 आसान टिप्स, जल्द मिलेगी राहत

Period Pain Relief Tips: पीरियड्स या मासिक धर्म लड़कियों और महिलाओं के अच्छे स्वास्थ्य की पहचान है. इस दौरान पेट और कमर के निचले हिस्से में दर्द होना सामान्य सी बात है. लेकिन, आपको बता दें कि, पीरियड्स के दौरान सभी को एक समान दर्द नहीं होता, बल्कि किसी को तेज तो किसी को सामान्य या कम दर्द होता है. यही नहीं, पीरियड्स के दौरान सिर्फ पेट में ही नहीं बल्कि जांघों, पैर, पीठ और कमर में भी दर्द होता है. हालांकि, किसी महिला को पीरियड्स के दौरान कितना दर्द होगा, यह उनकी शारीरिक, मानसिक और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है.

अगर आप भी पीरियड्स के दौरान ज्यादा दर्द होता है तो अनदेखनी नहीं करना चाहिए. क्योंकि, मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा दर्द होने के पीछे कोई बीमारी या विकार भी हो सकता है. अब सवाल है कि आखिर पीरियड्स के दौरान दर्द होता क्यों है? पीरियड्स पेन को कम करने के लिए क्या करें? इस बारे में News18 को बता रही हैं राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज की सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. शशि शुक्ला-

पीरियड्स के दौरान ज्यादा दर्द क्यों?

मासिक धर्म के दौरान पेट की समस्याएं हार्मोनल परिवर्तनों, खासकर प्रोस्टाग्लैंडीन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण आम हैं. ये हार्मोन पाचन और मल त्याग की क्रिया को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे दस्त, कब्ज, पेट फूलना या पेट में ऐंठन जैसे लक्षण हो सकते हैं. हालांकि, ये लक्षण सामान्य होते हैं, लेकिन परेशान करने के लिए काफी हैं.

मासिक धर्म के दौरान ज्यादा दर्द से राहत पाने के उपाय

हाइड्रेटेड रहें: एक्सपर्ट के मुताबिक, मासिक धर्म में ज्यादा दर्द होने पर खूब पानी पीएं. ऐसा करने से कब्ज से बचाव होगा और पाचन क्रिया ठीक बनी रहेगी. यह अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालकर और मल त्याग को सुचारू रूप से करने में मदद करके पेट फूलने की समस्या को भी कम कर सकता है.

हीटिंग पैड यूज करें: हॉट वॉटर बैग, हीटिंग पैड या फिर कांच की बोतल में गर्म पानी भरकर उससे पेट और कमर के निचले हिस्से की करीब 10-15 मिनट तक सिंकाई करें. गर्म पानी की सिंकाई, पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को दूर करने के लिए ली जाने वाली दवाइयों की तरह ही काम करता है.

अदरक-काली मिर्च की चाय पीएं: पीरियड्स के दौरान दर्द, जी मिचलाना और मांसपेशियों में खिंचाव आदि की परेशानी आम होती है. इससे राहत पाने के लिए आप बिना दूध की अदरक और काली मिर्च की चाय का सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा, जीरा, हल्दी और शहद का काढ़ा भी पी सकते हैं.

हाई फाइबर युक्त फूड खाएं: ओट्स, साबुत अनाज, फल और सब्ज़ियां जैसे फाइबर युक्त फूड खाना चाहिए. ऐसा करने से मल त्याग को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. बता दें कि, घुलनशील फाइबर अतिरिक्त पानी को सोखकर दस्त से राहत दिलाता है, जबकि अघुलनशील फाइबर कब्ज से लड़ता है.

कैफीन कम करें: पीरियड्स के दौरान कैफीन का सेवन करने से बचें, खासकर सोने से छह घंटे पहले. बता दें कि, कैफीन एक उत्तेजक है, जो आपको लंबे समय तक जगाए रख सकता है. कैफीन के अन्य स्रोतों में चाय, चॉकलेट, कोक, कोल्ड ड्रिंक और पेन किलर दवाएं शामिल हैं. इसके साथ ही धूम्रपान करने से बचें.

डेयरी उत्पादों से बचें: कुछ लोग अपने मासिक धर्म के दौरान अस्थायी रूप से लैक्टोज़ असहिष्णु हो जाते हैं. अगर डेयरी उत्पाद आपको गैस या पेट फूलने का कारण बनते हैं, तो आंतों की तकलीफ़ कम करने के लिए इन्हें छोड़ने पर विचार करें.

हल्का एक्सरसाइज: एक्सपर्ट के मुताबिक, हल्का व्यायाम, जैसे टहलना या योग, पाचन को उत्तेजित करता है और पेट फूलने और कब्ज को कम करता है. यह मासिक धर्म के दर्द और मनोदशा को नियंत्रित करने में भी मदद करता है.

ऑयली चीजों को खाने से बचें: पीरियड्स के दौरान ऑयली चीजें खाने से बचें. क्योंकि, ये चीजें पेट में जलन पैदा कर सकती हैं. इससे दस्त या पेट में ऐंठन की संभावना बढ़ जाती है. मासिक धर्म के दौरान आसानी से पचने वाले भोजन का ही सेवन करें.

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