पतंजलि का कहना है कि योग गुरु के नाम से मशहूर स्वामी रामदेव ने भारत को स्वस्थ और आत्मनिर्भर बनाने का एक अनूठा विजन पेश किया है. पतंजलि ने कहा कि बाबा रामदेव की अगुवाई में पतंजलि आयुर्वेद ने न केवल योग और आयुर्वेद को बढ़ावा दिया, बल्कि भारत की प्राचीन परंपराओं को आधुनिक जरूरतों के साथ जोड़कर एक नई दिशा प्रदान की है. स्वामी रामदेव का मानना है कि स्वस्थ शरीर और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था किसी भी राष्ट्र की प्रगति का आधार है.
पतंजलि आयुर्वेद का दावा है, ”स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में देश में स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में क्रांति ला रही है. कंपनी ने योग को हर घर तक पहुंचाया, जिससे लाखों लोग नियमित योगाभ्यास के जरिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना रहे हैं. स्वामी रामदेव ने प्राणायाम और आसन जैसे कपalbhati और अनुलोम-विलोम को लोकप्रिय बनाया, जो तनाव, मधुमेह, और हृदय रोगों जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं. इसके अलावा, पतंजलि के आयुर्वेदिक उत्पाद, जैसे हर्बल दवाइयां, सौंदर्य प्रसाधन, और खाद्य पदार्थ, लोगों को प्राकृतिक और स्वदेशी विकल्प प्रदान करते हैं.”
भारत को आत्मनिर्भर बनाने में निभाई अहम भुमिका- पतंजलि
पतंजलि का कहना है, ”स्वामी रामदेव का आत्मनिर्भर भारत का सपना केवल स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है. पतंजलि ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ‘फार्म टू फार्मेसी’ मॉडल अपनाया है, जिसके तहत किसानों से सीधे औषधीय जड़ी-बूटियां खरीदी जाती हैं. इससे न केवल किसानों की आय बढ़ी है, बल्कि जैविक खेती को भी प्रोत्साहन मिला है. पतंजलि ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को भी समर्थन दिया, जिससे छोटे व्यवसायों को बड़े बाजारों तक पहुंचने का अवसर मिला.”
पतंजलि ने कहा, ”स्वामी रामदेव का विजन भारत को वैश्विक मंच पर आयुर्वेद का नेतृत्वकर्ता बनाने का भी है. पतंजलि ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे अमेजन और फ्लिपकार्ट के साथ साझेदारी कर अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाया है. आचार्य बालकृष्ण के 330 से अधिक शोध पत्र और 200 से ज्यादा किताबों ने आयुर्वेद को वैज्ञानिक आधार प्रदान किया है.”
रामदेव की कोशिशों से सरल बना लोगों का जीवन- पतंजलि
पतंजलि दावा करता है, ”स्वामी रामदेव की सामाजिक उद्यमिता और ग्रामीण विकास के प्रयासों ने उन्हें लाखों लोगों का प्रिय बनाया है. स्वामी रामदेव का योगदान भारत को एक स्वस्थ, आत्मनिर्भर और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राष्ट्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है. उनके प्रयासों ने न केवल लोगों के जीवन को बेहतर बनाया, बल्कि स्वदेशी उत्पादों और प्राकृतिक उपचारों को बढ़ावा देकर भारत की वैश्विक पहचान को भी मजबूत किया है.”
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