सिर्फ एक एक्सरसाइज बढ़ा सकती है मेमोरी पावर, दिमाग की इस बीमारी का खतरा भी कर देगी कम !

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Dual-Task Exercise Benefits: ड्यूल-टास्क एक्सरसाइज याददाश्त को बेहतर बनाती है और डिमेंशिया का खतरा कम करती है. यह एक्सरसाइज ब्रेन के न्यूरल कनेक्शन को मजबूत करती है और अल्जाइमर से जुड़े प्रोटीन की मात्रा को घटा…और पढ़ें

सिर्फ एक एक्सरसाइज बढ़ा सकती है मेमोरी पावर, दिमाग की यह बीमारी भी नहीं होगी !ड्यूल-टास्क एक्सरसाइज दिमाग के लिए बेहद फायदेमंद है.
Best Exercise To Boost Memory: आज के जमाने में ब्रेन से जुड़ी बीमारियों का कहर बढ़ गया है. बड़ी संख्या में लोग अल्जाइमर का शिकार हो रहे हैं. इससे बचना भी काफी मुश्किल होता है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक अनोखी एक्सरसाइज खोज निकाली है, जो ब्रेन की क्षमता को बढ़ाकर अल्जाइमर जैसी डीजेनेरेटिव डिजीज का खतरा कम कर सकती है. इस एक्सरसाइज में फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों एक्टिव रहती हैं और ब्रेन को गजब के फायदे मिलते हैं. कई रिसर्च में भी इस एक्सरसाइज को लाभकारी माना गया है. आखिर जानते हैं कि यह एक्सरसाइज क्या है और कैसे की जाती है.

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रेन हेल्थ को सुधारने और अल्जाइमर का खतरा कम करने वाली एक्सरसाइज का नाम ड्यूल-टास्क एक्सरसाइज (Dual Task Exercise) है. इसमें शारीरिक गतिविधि के साथ मेंटल एक्टिविटी भी शामिल होती है. इसमें चलते समय बातचीत करना, गेम खेलते हुए सवालों के जवाब देने जैसी एक्सरसाइज शामिल हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की एक्सरसाइज ब्रेन को तेजी से एक्टिव रखती हैं और डिमेंशिया जैसी बीमारियों का खतरा कम करती हैं. अल्जाइमर डिमेंशिया का ही एक कॉमन टाइप है. इस एक्सरसाइज को ब्रेन के लिए बेहद लाभकारी माना जा रहा है.
दुनिया में करोड़ों लोग अल्जाइमर से जूझ रहे हैं और एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई है कि साल 2060 तक अमेरिका में अल्जाइमर के मरीजों की संख्या दोगुनी हो सकती है. दुनियाभर में भी इसके मामले आने वाले कुछ दशकों में तेजी से बढ़ सकते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो अल्जाइमर एक प्रोग्रेसिव ब्रेन डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति के सोचने-समझने, याद रखने और व्यवहार संबंधी परेशानियां आने लगती हैं. हालांकि उम्र और आनुवंशिक कारण इसके लिए जिम्मेदार होते हैं, लेकिन रिसर्च में यह पता चला है कि करीब डिमेंशिया के 35% रिस्क को लाइफस्टाइल में बदलाव करके कम किया जा सकता है.

ड्यूल-टास्क एक्सरसाइज में शरीर को चलाते हुए दिमाग को एक्टिव करना होता है. उदाहरण के लिए टहलते हुए गणित के सवाल हल करना या बातचीत करना. ऐसा करने से मस्तिष्क एक साथ कई कार्यों को संभालता है, जिससे उसकी न्यूरोप्लास्टिसिटी यानी नई सोचने की क्षमता और नए न्यूरल कनेक्शन बनाने की शक्ति मजबूत होती है. इससे ब्रेन की मेमोरी पावर, बैलेंस और फोकस बेहतर होता है. साल 2022 में जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार सप्ताह में 2 से 5 बार 30 से 120 मिनट तक ड्यूल-टास्क एक्सरसाइज करने से वृद्ध लोगों की याददाश्त, ध्यान, चलने की गति और समस्या सुलझाने की क्षमता में सुधार देखा गया.

वैज्ञानिकों का दावा है कि ड्यूल-टास्क एक्सरसाइज से ब्रेन में पाए जाने वाले β-amyloid प्रोटीन का स्तर भी कम होता है, जो अल्जाइमर से जुड़ा होता है. वैज्ञानिकों की मानें तो ड्यूल-टास्क एक्सरसाइज डिमेंशिया की रोकथाम में असरदार है, लेकिन इसके साथ बैलेंस्ड डाइट, सामाजिक जुड़ाव, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों को कंट्रोल रखकर डिमेंशिया से बचा जा सकता है. लाइफस्टाइल में बदलाव ही अल्जाइमर जैसे रोगों के खिलाफ मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है. हालांकि हेल्दी लोग भी ड्यूल-टास्क एक्सरसाइज कर सकते हैं. इससे उनकी मेमोरी तेज हो सकती है और मेंटल हेल्थ में भी सुधार हो सकता है.

अमित उपाध्याय

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें

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