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Dual-Task Exercise Benefits: ड्यूल-टास्क एक्सरसाइज याददाश्त को बेहतर बनाती है और डिमेंशिया का खतरा कम करती है. यह एक्सरसाइज ब्रेन के न्यूरल कनेक्शन को मजबूत करती है और अल्जाइमर से जुड़े प्रोटीन की मात्रा को घटा…और पढ़ें

ड्यूल-टास्क एक्सरसाइज में शरीर को चलाते हुए दिमाग को एक्टिव करना होता है. उदाहरण के लिए टहलते हुए गणित के सवाल हल करना या बातचीत करना. ऐसा करने से मस्तिष्क एक साथ कई कार्यों को संभालता है, जिससे उसकी न्यूरोप्लास्टिसिटी यानी नई सोचने की क्षमता और नए न्यूरल कनेक्शन बनाने की शक्ति मजबूत होती है. इससे ब्रेन की मेमोरी पावर, बैलेंस और फोकस बेहतर होता है. साल 2022 में जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार सप्ताह में 2 से 5 बार 30 से 120 मिनट तक ड्यूल-टास्क एक्सरसाइज करने से वृद्ध लोगों की याददाश्त, ध्यान, चलने की गति और समस्या सुलझाने की क्षमता में सुधार देखा गया.
वैज्ञानिकों का दावा है कि ड्यूल-टास्क एक्सरसाइज से ब्रेन में पाए जाने वाले β-amyloid प्रोटीन का स्तर भी कम होता है, जो अल्जाइमर से जुड़ा होता है. वैज्ञानिकों की मानें तो ड्यूल-टास्क एक्सरसाइज डिमेंशिया की रोकथाम में असरदार है, लेकिन इसके साथ बैलेंस्ड डाइट, सामाजिक जुड़ाव, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों को कंट्रोल रखकर डिमेंशिया से बचा जा सकता है. लाइफस्टाइल में बदलाव ही अल्जाइमर जैसे रोगों के खिलाफ मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है. हालांकि हेल्दी लोग भी ड्यूल-टास्क एक्सरसाइज कर सकते हैं. इससे उनकी मेमोरी तेज हो सकती है और मेंटल हेल्थ में भी सुधार हो सकता है.
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें