जिम्बाब्वे के क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है. ब्रेंडन टेलर ने 39 साल की उम्र में टीम में वापसी (Brendan Taylor Return) की है, जबकि इस उम्र तक अधिकांश क्रिकेटर संन्यास ले चुके होते हैं. टेलर का रिटर्न प्रेरणा स्वरूप भी कहा जा सकता है क्योंकि उन्होंने साढ़े 3 साल का प्रतिबंध झेलने के बाद वापसी की है. यह पहले ही घोषणा हो चुकी थी कि 7 अगस्त से न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में ब्रेंडन टेलर जिम्बाब्वे टीम के लिए खेलेंगे.
दो टेस्ट मैचों की सीरीज में 0-1 से पीछे चल रही जिम्बाब्वे टीम के लिए ब्रेंडन टेलर ने ब्रायन बैनेट के साथ पारी की शुरुआत की. बता दें कि टेलर टेस्ट क्रिकेट में जिम्बाब्वे के लिए चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं.
क्रिकेट में वापसी पर हुए इमोशनल
ब्रेंडन टेलर ने साढ़े 3 साल बाद वापसी को लेकर कहा, “कई सारे दिन नरक की तरह गुजरे, वो बहुत कठिन समय था. 3 साल पहले मैं बिस्तर से उठ नहीं पाता था, लेकिन आज फिर से वो कर रहा हूं, जो मुझे सबसे अधिक प्रिय है.” रिटर्न के बाद ब्रेंडन टेलर ने अपने परिवार और जिम्बाब्वे क्रिकेट के अधिकारियों का धन्यवाद किया. उन्होंने दूसरे टेस्ट में वापसी को एक ऐसा लम्हा बताया, जैसे वो दोबारा से डेब्यू कर रहे हों.
क्यों लगा था साढ़े 3 साल का बैन?
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने साल 2022 में ब्रेंडन टेलर पर साढ़े 3 साल का प्रतिबंध लगाया था. इसका कारण यह था कि उन्हें साल 2019 में एक भारत यात्रा के समय एक भारतीय बिजनेसमैन ने इंटरनेशनल मैचों में फिक्सिंग के लिए 15,000 यूएस डॉलर दिए थे, जिन्हें टेलर ने स्वीकार भी किया था.
टेलर को बताया गया था कि आगामी मैचों में फिक्सिंग करके 35,000 डॉलर कमा सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें किसी दूसरे खिलाड़ी को भी अपने साथ जोड़ना था. उन्होंने इस घटना के करीब 6 महीने बाद यानी मार्च 2020 में ICC की एंटी करप्शन यूनिट को इसकी जानकारी दी थी. वो इसके अलावा डोप टेस्ट में भी फेल हो गए थे.
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