Apple Growth in India: एप्पल के सीईओ टिम कुक कारोबारी साल 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के नतीजे से खुश हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी ने भारत सहित दुनिया के दो दर्जन से ज्यादा देशों और क्षेत्रों में जून तिमाही में रिकॉर्ड रेवेन्यू हासिल किया है. एनालिस्ट्स के साथ बातचीत के दौरान कुक ने कहा कि आईफोन, मैक और दूसरी सर्विसेज में डबल डिजिट में हुए ग्रोथ से यह नतीजा मिला.
कंपनी के ग्रोथ से खुश हुए कुक
कुक कहते हैं, दुनियाभर के जितने भी बाजारों में हमारी नजर रहती है वहां हमने गजब का ग्रोथ देखा है. हर जगह आईफोन का ग्रोथ सामने आया है. भारत, मिडिल ईस्ट, साउथ एशिया और ब्राजील जैसे उभरते बाजारों में दोहरे अंक में वृद्धि की है. मैक का भी नतीजा शानदार रहा है और रेवेन्यू में एक साल में 15 परसेंट का उछाल आया है. कंपनी ने हाल ही में सऊदी अरब में ऑनलाइन एप्पल स्टोर लॉन्च किया है और हम इस साल के आखिर तक संयुक्त अरब अमीरात और भारत में और नए स्टोर खोलने के लिए बहुत उत्साहित हैं.”
भारत में बढ़ रहा एप्पल का कारोबार
काउंटरपॉइंट रिसर्च के डायरेक्टर तरुण पाठक का कहना है कि एप्पल का भारत में कारोबार तेजी से आगे बढ़ रहा है और जून तिमाही में डबल डिजिट ग्रोथ के साथ कंपनी ने एक और रिकॉर्ड तोड़ ग्रोथ हासिल किया है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस से हुई बातचीत में उन्होंने इसकी जानकारी दी. काउंटरपॉइंट के मुताबिक, इस तिमाही में iPhone ने 7 परसेंट की बिक्री के साथ 23 परसेंट का रेवेन्यू हासिल किया है और इस सेगमेंट में iPhone 16सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल रहा, जो इस ग्रोथ की एक बड़ी वजह है.
भारत को लेकर यह है कंपनी का प्लान
कुक ने बताया कि अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर iPhones अब भारत में बनाए जाते हैं. काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, अमेरिका में iPhone के टोटल शिपमेंट में भारत का योगदान दूसरी तिमाही में बढ़कर 71 परसेंट हो गया, जो पिछले साल के मुकाबले 31 परसेंट ज्यादा है. एप्पल का प्लान इस साल के आखिर तक नए रिटेल स्टोर खोलकर भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का है, जो देश में अपने कारोबार का दायरा बढ़ाने की उनकी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
टैरिफ के मोर्चे पर टिम का कहना है, अकेले जून तिमाही में कंपनी को लगभग 800 मिलियन डॉलर का खर्च उठाना पड़ा. रही बात सितंबर तिमाही की, तो अगर टैरिफ की दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाता है या कोई नया टैरिफ नहीं जोड़ा जाता है, तो हमारी लागत में लगभग 1.1 बिलियन डॉलर का इजाफा होने का अनुमान है. हालांकि, आने वाली तिमाहियों के लिए यही अनुमान लगाते हुए आगे नहीं बढ़ना चाहिए क्योंकि टैरिफ के अलावा भी कई दूसरी चीजों की वजह से हालात बदल सकते हैं.
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