खंडवा कोर्ट के आदेश पर NHDC की संपत्ति कुर्क: इंदिरा सागर डूब प्रभावितों को अवॉर्ड की राशि न देने पर कार्रवाई; इलेक्ट्रॉनिक सामग्री जब्त – Khandwa News

खंडवा में बुधवार को जिला कोर्ट के निर्देश पर एनएचडीसी (नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन) की संपत्ति कुर्क की गई। कोर्ट से पारित अवॉर्ड की राशि संबंधित डूब प्रभावितों को न देने के मामले में कुर्की की कार्रवाई की गई हैं।

.

इस दौरान 28 इलेक्ट्रॉनिक आइटम जब्त किए गए, जिनमें प्रिंटिंग, फोटोकॉपी, सीपीयू शामिल थे। विभाग के अफसरों की मौजूदगी में सामान को जब्त करके ट्रक में भरकर न्यायालय ले जाया गया।

डूब प्रभावितों को नहीं दिया मुआवजा

डूब प्रभावितों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्राणेंद्र रांका ने बताया कि, इंदिरा सागर बांध के डूब प्रभावितों ने उचित मुआवजा न मिलने पर कोर्ट की शरण ली थी। देवास जिले के खातेगांव क्षेत्र के ऐसे 36 किसान हैं, जिनके अवॉर्ड पारित होने के बाद भी एनएचडीसी ने राशि का भुगतान नहीं किया।

36 डूब प्रभावित किसानों की ब्याज सहित करीब 7 करोड़ रुपए की राशि बतौर अवॉर्ड देना थी। फिलहाल एक किसान के 48 लाख रुपए के अवॉर्ड को लेकर कार्रवाई की गई हैं। इस संबंध में विभाग ने कोर्ट से बार-बार समय मांगा। लेकिन राशि का भुगतान नहीं किया।

खंडवा में बुधवार को जिला कोर्ट के निर्देश पर एनएचडीसी की संपत्ति कुर्क की गई।

2017 में खातेगांव कोर्ट ने सुनाया था फैसला

अधिवक्ता रांका के मुताबिक, 2017 में खातेगांव की कोर्ट ने अवॉर्ड के संबंध में डूब प्रभावितों की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला दिया था। वहीं एनएचडीसी का मुख्यालय खंडवा होने की वजह से केस को खंडवा जिला न्यायालय में ट्रांसफर कर दिया गया।

खंडवा कोर्ट के समक्ष यह 2024 में यह प्रकरण सामने आया। कोर्ट ने 24 जून 2025 को एक आदेश पारित कर रोहन्या गांव (खातेगांव) के रहने वाले किसान दशरथ पिता नन्नू के पक्ष में फैसला दिया। कोर्ट ने 2017 में खातेगांव कोर्ट से पारित 48 लाख रुपए के अवॉर्ड सहित 8 साल का ब्याज मिलाकर राशि देने की बात कहीं।

हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

इस फैसले के खिलाफ स्टे के लिए एनएचडीसी ने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में अपील की। इंदौर हाईकोर्ट ने हाल ही में एनएचडीसी की एसएलपी याचिका को खारिज कर दिया। इस पर खंडवा कोर्ट ने संपत्ति कुर्की के लिए वारंट जारी किया।

इसके बाद बुधवार को विभाग के दफ्तर पहुंचकर संबंधित अधिकारी को एक नोटिस थमाया। एनएचडीसी के अधिकारियों ने नोटिस लेने से मना कर दिया। इसके बाद कोर्ट मुंशी ने विभाग की आवक-जावक शाखा में नोटिस थमा कराया और इलेक्ट्रॉनिक सामग्री जब्त कर ट्रक में भरी। जिसे न्यायालय ले जाया गया हैं।

एनएचडीसी की अधिवक्ता बोलीं- सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

मामले में एनएचडीसी की ओर से वकील सुनीता रेवारी ने बताया कि, यह संपत्ति पूर्व के मामलों में पहले से कुर्क हैं। अब दोबारा कुर्की की कार्रवाई की गई हैं। माननीय कोर्ट का आदेश हैं, उसका पालन कर रहे हैं। हमने हाईकोर्ट में अपील की थी, जो खारिज हो चुकी है।

अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। रहा सवाल संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया का तो यह गलत हैं। पहले विभाग के भू-अर्जन अधिकारी को नोटिस देना था। फिर कार्रवाई करना थी, ताकि सिस्टम में जो डेटा था, उसे हम सेव कर लेते।

.

Source link

Share me..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *