उज्जैन के श्रीमहाकाल महालोक की तर्ज पर प्रभु श्रीकामतानाथ की नगरी चित्रकूट के समग्र विकास कार्यों शुरुआत हो चुकी है। ये सभी कार्य श्रीराम वन गमन पथ का एक हिस्सा हैं। भगवान कामतानाथ चित्रकूट धाम के प्रधान देवता माने जाते हैं।
By ADITYA KUMAR
Publish Date: Sun, 17 Aug 2025 08:32:56 PM (IST)
Updated Date: Sun, 17 Aug 2025 08:32:56 PM (IST)
शिवम कृष्ण त्रिपाठी, नईदुनिया, सतना। उज्जैन के श्रीमहाकाल महालोक की तर्ज पर प्रभु श्रीकामतानाथ की नगरी चित्रकूट के समग्र विकास कार्यों शुरुआत हो चुकी है। ये सभी कार्य श्रीराम वन गमन पथ का एक हिस्सा हैं। भगवान कामतानाथ चित्रकूट धाम के प्रधान देवता माने जाते हैं। चित्रकूट के विकास को लेकर मध्य प्रदेश शासन द्वारा अलग-अलग विभागों को विकास के कामों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जिम्मेदारी चित्रकूट नगर परिषद को सौंपी गई
चित्रकूट में तीन विकास कार्यों की शुरुआत की जा चुकी है। इसमें पहला परिक्रमा पथ, दूसरा मोहकमगढ़ से पीली कोठी तक सड़क का चौड़ीकरण व तीसरा स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत मंदाकनी नदी के घाटों के उन्नयन का कार्य है। कामदगिरी पर्वत की परिक्रमा पथ के विकास के साथ स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत रामघाट व राघव प्रयाग घाट के उन्नयन का दायित्व पर्यटन विभाग को दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ मोहकमगढ़ से लेकर पीली कोठी तक जाने वाली सड़क को विकसित करने व चौड़ीकरण की जिम्मेदारी चित्रकूट नगर परिषद को सौंपी गई है।
सवा सौ करोड़ रुपये से संवारा जा रहा प्रभु कामतानाथ धाम
प्रभु कामतानाथ धाम को सवा सौ करोड़ रुपये से संवारा जा रहा है। वनवास के समय भगवान श्रीराम ने कामदगिरि की परिक्रमा की थी। अब कामदगिरि परिक्रमा पथ पूरा होने के बाद 40 फीट चौड़ा हो जाएगा। नई व्यवस्था से दंडवत परिक्रमा करने वालों के लिए अलग इंतजाम होंगे। सुलभ प्रसाधन व अन्य सुविधाएं होंगी। अभी अतिक्रमण के कारण परिक्रमा पथ संकरा है। रामघाट व राघव प्रयाग घाट पर महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग चेजिंग रूम बनेंगे। मोहकमगढ़ के किले का पुनर्विकास कर हेरिटेज होटल के तौर पर विकसित किया जा रहा है।
चित्रकूट के समग्र विकास के लिए कार्य शुरू कर दिए गए हैं। कई कार्य प्रस्तावित हैं। वन विभाग से कुछ कार्यों के लिए जमीन प्राप्त की जानी है। इसके बाद काम में तेजी आएगी।
– डॉ सतीश कुमार एस, कलेक्टर व अध्यक्ष चित्रकूट विकास प्राधिकरण।
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