भाद्रपद की अमावस्या पर राशि अनुसार करें शुभ काम: मेष राशि के लोग सूर्य को जल चढ़ाकर करें दिन की शुरुआत, धनु राशि के लोग करें हल्दी का दान

  • Hindi News
  • Jeevan mantra
  • Dharm
  • Bhadrapada Amawasya On 23rd August In Hindi, Significance Of Bhadrapad Amawasya, Astrological Tips For Shanishachari Amawasya

55 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

भाद्रपद मास की अमावस्या आज और कल (22 और 23 अगस्त) दो दिन है। शनिवार को भी अमावस्या होने से इसे शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं। इस तिथि को कुशग्रहणी और पिठोरा अमावस्या भी कहते हैं। पूजा-पाठ और पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करते समय एक विशेष प्रकार की घास का इस्तेमाल किया जाता है, इसे कुशा कहते हैं। भादौ अमावस्या पर पूरे सालभर के लिए कुशा घास एकत्र करने की परंपरा है। इसलिए इसका नाम कुशग्रहणी अमावस्या पड़ा।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, ज्योतिष में शनिश्चरी अमावस्या का काफी अधिक महत्व बताया गया है। इस दिन पूजा-पाठ, नदी स्नान और दान-पुण्य करने के साथ ही राशि अनुसार शुभ काम किए जाए तो कुंडली के ग्रह दोष शांत हो सकते हैं।

शनिश्चरी अमावस्या पर चंद्रमा और सूर्य एक ही राशि में होते हैं, इस अमावस्या पर चंद्र और सू्र्य सिंह राशि में रहेंगे। इस स्थिति में धर्म-कर्म, दान-पुण्य और मंत्र-जप करना बहुत शुभ माना जाता है। जानिए इस अमावस्या पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…

इस राशि के लोग स्नान के जल में काले तिल और गंगाजल मिलाएं, इससे शरीर और मन दोनों की शुद्धि होती है। तांबे के बर्तन में स्वच्छ जल भरकर, उसमें लाल पुष्प डालें और सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इसके बाद दान-पुण्य करें। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए।

  • वृषभ राशि

प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। वस्त्र, तिल, कपास (रुई) और सरसों के तेल का दान किसी मंदिर में करें। घर में तुलसी के पास दीपक जलाएं। माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए ‘श्री सूक्त’ का पाठ करने से आर्थिक समृद्धि में बढ़ोतरी होती है।

  • मिथुन राशि

किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करना विशेष फलदायी है। स्नान के बाद सूर्य को जल अर्पित करें और ऊँ सूर्याय नमः मंत्र का जप करें। नए कंबल और अन्न (विशेषकर गेहूं या चावल) का जरूरतमंदों को दान करें। इस दिन धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना भी शुभ होता है।

  • कर्क राशि

स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। काले तिल, चावल, गेहूं, नए वस्त्र और चांदी का दान करने से पितृ दोष शांत होता है। भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें और ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए।

  • सिंह राशि

नदी, सरोवर या किसी पवित्र जल स्रोत में स्नान करें। स्नान के बाद वस्त्र और काले तिल का दान करें। घर में दीपक जलाकर भगवान सूर्य को नमन करें। किसी विद्यार्थी को शिक्षा सामग्री का दान करें।

  • कन्या राशि

गुड़, तिल, सरसों का तेल और नए वस्त्रों का दान करें। किसी जरूरतमंद विद्यार्थी को पुस्तकें या पढ़ाई से जुड़ी सामग्री भेंट करें। माता सरस्वती का स्मरण कर ऊँ ऐं सरस्वत्यै नमः मंत्र का जप करें। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए।

  • तुला राशि

स्वच्छ वस्त्र और छाते का दान करें। मंदिर जाकर जरूरतमंद लोगों को ससम्मान भोजन कराएं। श्रीहरि की आराधना करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। तुलसी के पौधे में जल अर्पित करके दीपक लगाएं, इससे घर में सुख-शांति बनी रहेगी।

  • वृश्चिक राशि

स्नान के बाद चंदन, तेल और लाल गुलाल का दान किसी मंदिर में करें। दूध मिश्रित जल से सूर्य को अर्घ्य दें। ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जप करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। पितरों के निमित्त काले तिल का दान करें। मौन व्रत रखें। शाम को किसी नदी में दीपदान करें।

धन, धान्य, सरसों का तेल, रुई, काले तिल, हल्दी तथा अन्य पीली वस्तुओं का दान करें। गुरु ग्रह के अशुभ प्रभाव दूर करने के लिए चने की दाल का दान अत्यंत फलदायक होता है। शिवलिंग पर पीले पुष्प अर्पित करें और ऊँ बृं बृहस्पतये नमः मंत्र का जप करें। किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं।

तांबे के बर्तन में लाल पुष्प और जल मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य चढ़ाएं। स्नान के उपरांत शुद्ध देशी घी का दान करें। शनिदेव की पूजा करें और ऊँ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जप करें। इस दिन चींटियों को आटा-गुड़ खिलाना चाहिए।

  • कुंभ राशि

नदी या घर में पवित्र जल से स्नान करें और गरीबों को अन्न, वस्त्र एवं आवश्यक सामग्री दान करें। तिल से बने पदार्थों का सेवन करें। किसी जरूरतमंद बच्चे को मीठा दूध पिलाना अत्यंत शुभ रहेगा। घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना न भूलें।

किसी मंदिर या सार्वजनिक स्थल पर पीपल का पौधा रोपित करें और उसकी नियमित देखभाल का संकल्प लें। किसी मंदिर में पीपल के नीचे बैठकर शांत मन से गायत्री मंत्र का जप करें। किसी वृद्ध को दूध दान करें। इस दिन जल संरक्षण और वृक्षारोपण का महत्व और भी बढ़ जाता है।

खबरें और भी हैं…

.

Share me..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *