उत्तराखंड में इन दिनों पंचायत चुनाव की गर्मी पूरे जोश पर है. राज्यभर में जिला पंचायत सदस्यों की 358 सीटों पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. कई जिलों में मतगणना के बाद शुरुआती नतीजे भी आने लगे हैं, जिसमें बीजेपी ने कई सीटों पर बड़ी जीत दर्ज की है. कांग्रेस ने एक बार फिर से चुनाव आयोग और सरकार पर निष्पक्षता को लेकर सवाल उठाए हैं.
लेकिन इन चुनावी आंकड़ों के बीच आम जनता के मन में एक बड़ा सवाल ये भी है कि जिला पंचायत अध्यक्ष बनने पर कितनी सैलरी मिलती है? और इस पद की ताकत और जिम्मेदारियां क्या होती हैं? उत्तराखंड में पंचायत व्यवस्था को तीन स्तरों में बांटा गया है- ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत. इन तीनों में सबसे ऊंचा पद होता है जिला पंचायत अध्यक्ष, जिसे चुने गए जिला पंचायत सदस्यों में से बहुमत द्वारा चुना जाता है.
जिला पंचायत अध्यक्ष को मानदेय कितना?
जिला पंचायत अध्यक्ष के मानदेय की बात करें तो उन्हें 15,000 प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है. इसके अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष को सरकारी वाहन, वाहन भत्ता और सुरक्षा के लिए गनर भी दिया जाता है.
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क्या करता है जिला पंचायत अध्यक्ष?
जिला पंचायत अध्यक्ष का काम सिर्फ औपचारिक नहीं होता. यह पद विकास और प्रशासन का अहम हिस्सा होता है. जिले में जो भी योजनाएं राज्य या केंद्र सरकार की ओर से आती हैं, उन्हें जमीनी स्तर पर लागू कराने की जिम्मेदारी इसी पद के माध्यम से होती है. स्कूल, सड़क, स्वास्थ्य केंद्र, जल-निकासी, कृषि योजनाएं जैसे सैकड़ों प्रोजेक्ट जिला पंचायत की निगरानी में चलते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार अध्यक्ष के पास बजट आवंटन, प्रस्ताव पास करने और प्रशासन के साथ तालमेल का काम होता है.
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