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कैंप में आने वाले सभी मरीजों को जांच रिपोर्ट के आधार पर व्यक्तिगत उपचार और आहार संबंधी सुझाव भी दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर निजी क्लीनिक में इस तरह की जांच कराने पर लोगों को तीन से 5 हजार रूपये…और पढ़ें
कोडरमा. बढ़ती उम्र के साथ खासकर हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखना स्वस्थ जीवन के लिए बेहद जरूरी है. इसी उद्देश्य से साथ प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव कांत पांडेय के मार्गदर्शन में नि:शुल्क हड्डी जांच शिविर का आयोजन किया जा रहा है. इस कैंप का मुख्य उद्देश्य लोगों को ओस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से बचाव के प्रति जागरूक करना और समय रहते इसका निदान सुनिश्चित करना है.
40 की उम्र पार करने पर जरूर कराना चाहिए यह जांच
बिशुनपुर रोड स्थित लक्ष्मी नर्सिंग होम के डॉ. राजीव कांत पांडेय ने लोकल 18 से विशेष बातचीत में बताया कि ओस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है. जिसमें हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर हो जाती हैं और मामूली चोट या दबाव से भी टूट सकती हैं. यह समस्या खासकर 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं, धूम्रपान या अत्यधिक शराब सेवन करने वालों तथा कैल्शियम व विटामिन डी की कमी वाले व्यक्तियों में अधिक पाई जाती है. समय रहते इसका पता लगाना बेहद जरूरी है, ताकि उचित इलाज और जीवनशैली में बदलाव से इसकी गंभीरता को रोका जा सके. 13 अगस्त को उनके नर्सिंग होम में नि:शुल्क जांच की जाएगी.
40 की उम्र पार करने पर जरूर कराना चाहिए यह जांच
बिशुनपुर रोड स्थित लक्ष्मी नर्सिंग होम के डॉ. राजीव कांत पांडेय ने लोकल 18 से विशेष बातचीत में बताया कि ओस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है. जिसमें हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर हो जाती हैं और मामूली चोट या दबाव से भी टूट सकती हैं. यह समस्या खासकर 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं, धूम्रपान या अत्यधिक शराब सेवन करने वालों तथा कैल्शियम व विटामिन डी की कमी वाले व्यक्तियों में अधिक पाई जाती है. समय रहते इसका पता लगाना बेहद जरूरी है, ताकि उचित इलाज और जीवनशैली में बदलाव से इसकी गंभीरता को रोका जा सके. 13 अगस्त को उनके नर्सिंग होम में नि:शुल्क जांच की जाएगी.
जांच रिपोर्ट के आधार पर दिए जाएंगे सुझाव
उन्होंने बताया कि इस नि:शुल्क हड्डी जांच कैंप में बीएमडी टेस्ट, हड्डियों की मजबूती की जांच, कैल्शियम और विटामिन डी से संबंधित सलाह दी जाएगी. इसके अलावा, उनकी टीम लोगों को संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, धूप में समय बिताने और अन्य रोकथाम के उपायों के बारे में भी मार्गदर्शन देंगे. कैंप में आने वाले सभी मरीजों को जांच रिपोर्ट के आधार पर व्यक्तिगत उपचार और आहार संबंधी सुझाव भी दिए जाएंगे.
5 हजार की बचत
उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर निजी क्लीनिक में इस तरह की जांच कराने पर लोगों को तीन से 5 हजार रूपये तक का भुगतान करना होता है. उन्होंने बताया कि इस तरह के शिविर न केवल बीमारियों की रोकथाम में मददगार होते हैं, बल्कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाते हैं.