भोपाल में तेजी से एग फ्रीजिंग के मामले बढ़े हैं।
.
यह कहानी सिर्फ इस एक युवती की नहीं है। भोपाल में हाल ही में यह ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। हर महीने लगभग 60 महिलाएं अपने एग माइनस 200 डिग्री सेंटीग्रेड पर फ्रीज कराने टेस्ट ट्यूब सेंटर पहुंच रही हैं। बीते एक साल में कन्वर्जन रेट 30 फीसदी रहा है। यानी हर 100 में से 30 महिलाएं परामर्श के बाद प्रक्रिया भी करवा रही हैं।
स्टेट असिस्टेंट रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) बोर्ड के एक्सपर्ट डॉ. रणधीर सिंह का कहना है कि 2 साल पहले ज्यादातर 35 साल से अधिक उम्र की महिलाएं अपने एग फ्रीज कराती थीं। अब 10 में से 7 लड़कियों की आयु 30 साल के करीब देखने को मिल रही है।
लाइफ स्टाइल और करियर अहम वजह तेजी से बढ़ रहे एग फ्रीजिंग ट्रेंड की कई वजहें हैं। एक वर्ग ऐसा है जो मानता है कि बदलती जीवनशैली के चलते फर्टिलिटी की समस्याएं बढ़ रही हैं। ऐसे में महिलाएं स्वस्थ रहते हुए अपने अंडाणु सुरक्षित करा रही हैं ताकि भविष्य में मां बनने में कोई परेशानी न हो।
कुछ महिलाएं करियर को पहले प्राथमिकता देना चाहती हैं और शादी देर से करने के फैसले के साथ एग फ्रीजिंग को बैकअप के रूप में चुन रही हैं। एक और ट्रेंड बीते एक साल में सामने आया है कि एग फ्रीज कराने के लिए आने वाली लड़कियों की आयु बीते सालों की तुलना में घटी है।

भोपाल में 2010 में एग फ्रीजिंग तकनीक की शुरुआत हुई थी।
हाल ही में ब्रेस्ट कैंसर का पता चला
भोपाल की 27 साल की युवती को हाल ही में ब्रेस्ट कैंसर डिटेक्ट हुआ है। उनका भोपाल एम्स में ट्रीटमेंट चल रहा है। चूंकि कैंसर पेशेंट को कीमोथैरेपी कराना होती है। जिसके चलते फर्टिलिटी रेट कम हो जाते हैं। इसी वजह से ट्रीटमेंट शुरू होने से पहले युवती ने एग फ्रीज कराए हैं।

यह है एग फ्रीज के लिए सही उम्र
डॉक्टरों के अनुसार 20 से 30 वर्ष की उम्र एग फ्रीजिंग के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इस समय अंडाणु सबसे अधिक फर्टाइल होते हैं, उनकी संख्या और गुणवत्ता दोनों ही बेहतर होती है। उम्र बढ़ने के साथ ये खूबियां घटती जाती हैं।
मेडिकल प्रॉब्लम में बेहतर ऑप्शन
- कैंसर पेशेंट
- एंड्रोमेट्रियोसिस
- पीसीओडी
- जल्दी मनोपॉज

ऐसे काम करता है एग फ्रीजिंग
पहला दिन | शुरुआती कंसल्टेशन |
दूसरा दिन | ब्लड टेस्ट और सेकेंड कंसल्टेशन |
तीसरा दिन | कम्पलीट हेल्थ स्क्रीनिंग |
4-10 दिन | ओवेरियन स्टीमुलेशन और मॉनिटरिंग |
11-13 दिन | एग रिलीज करने कई इंजेक्शंस लगते हैं |
14 दिन | एग रिट्रीवल की प्रक्रिया |

5 साल तक के लिए होते हैं स्टोर एप्रोप्रिएट अथॉरिटी की सदस्य और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. मोनिका सिंह ने बताया कि नए नियमों के अनुसार अब एग्ज को अधिकतम 5 साल तक फ्रीज किया जा सकता है। हालांकि 2022 से पहले कई महिलाओं ने 10 साल के लिए भी एग फ्रीज कराए थे। विज्ञान के अनुसार एग को 15 साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है, लेकिन जितने अधिक समय तक वे फ्रीज रहते हैं, उतना ही ज्यादा वे कैमिकल्स के संपर्क में आते हैं, जो एक चिंता का विषय हो सकता है।
एग फ्रीजिंग प्रक्रिया में महिला को हार्मोनल दवाएं दी जाती हैं। जिससे ओवरीज से फर्टाइल एग निकल सकें। फिर सर्जिकल प्रक्रिया से उन्हें (नए नियम के तहत सिर्फ 7 एग) निकाला जाता है और लैब में -200 डिग्री सेंटीग्रेड पर स्टोर किया जाता है। उनको सुरक्षित रखने के लिए कई दवाएं भी इंजेक्ट की जाती है और देखरेख करनी पड़ती है। बीते सालों में इस प्रक्रिया को अपनाने वाली महिलाओं में वृद्धि हुई है। एग फ्रीजिंग की सफलता दर भी 70 से 75 फीसदी है।

डॉक्टर की सलाह- जरूरत हो तभी अपनाएं स्टेट एआरटी बोर्ड एक्सपर्ट डॉ. रणधीर सिंह का कहना है कि लड़की हो या लड़का, उन्हें यह समझना चाहिए कि पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ अलग-अलग पहलू हैं। शादी का मतलब करियर का अंत नहीं है।
एग फ्रीजिंग एक मेडिकल प्रक्रिया है, यह उन महिलाओं के लिए वरदान है जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। वे कीमोथेरेपी जैसे इलाज से पहले अपने स्वस्थ एग को सुरक्षित कर सकती हैं, ताकि यदि भविष्य में उनकी बॉडी नए एग न बना सके, तो वे स्टोर किए गए अंडों से मां बन सकें।
यह एक आर्टिफिशियल प्रक्रिया है। जिसमें पहले महिलाओं को दवाई दी जाती है। जिससे एग फर्टाइल हो सके। फिर उन्हें ऑपरेशन थिएटर में निकाला जाता है। दवाइयों की मदद से उन्हें एक विशेष तापमान पर स्टोर किया जाता है। जितने ज्यादा साल के लिए एग स्टोर होता है, उनमें उतनी अधिक दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में एग पर होने वाले असर और जन्म लेने वाले बच्चों पर इन दवाइयों के प्रभावों पर अभी काफी कुछ पता करना बाकी है। इसलिए इसे अंतिम विकल्प के तौर पर चुनना चाहिए।

.