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Barmer Health News: राजस्थान के आठ जिलों में कुपोषित नवजात बच्चों के लिए कंगारू मदर केयर कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत अस्पताल से छुट्टी के समय मां को विशेष किट दी जाएगी, जिसमें गर्म कपड़े और एक…और पढ़ें
बेहतर खान-पान के अभाव और स्वास्थ्य जागरूकता की कमी से अब भी बड़ी संख्या में कुपोषित बच्चे पैदा होते हैं जो समुचित उपचार व देखभाल न मिलने पर गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. राजस्थान के 8 जिलों यानी बाड़मेर, बारा, पाली, डूंगरपुर, दौसा, प्रतापगढ़, टोंक और धौलपुर में नवजात कुपोषित बच्चों के लिए कंगारू मदर केयर प्रोग्राम में अब तकनीक और ममता का अनोखा संगम होगा.
इस नई पहल से न सिर्फ नवजात का स्वास्थ्य सुधरेगा बल्कि माताओं को भी बच्चे की देखभाल के प्रति जागरूक किया जाएगा. इस पहल के तहत नवजात के हाथ में एक घड़ी बांधी जाएगी. तापमान कम होने पर घड़ी का अलार्म सिस्टम चालू हो जाएगा. अलार्म बजते ही मां, पिता या परिवार का कोई भी सदस्य बच्चे को अपनी खुली छाती से कंगारू की तरह चिपकाकर रखेगा ताकि उसे प्राकृतिक गर्माहट और ऊर्जा मिल सके. यह तरीका बच्चे का तापमान नियंत्रित रखने में मदद करेगा.
बाड़मेर जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ एव विभागाध्यक्ष डॉ. हरीश चौहान के मुताबिक नवजात का तापमान गिरने पर उसका शरीर ऊर्जा खर्च कर उसे स्थिर करने की कोशिश करता है जिससे पोषण रुक जाता है और बीमारियां बढ़ सकती हैं. जन्म के समय जिन बच्चों का वजन ढाई किलो से कम होगा उनकी विशेष देखभाल इस योजना के तहत की जाएगी. उन्होंने बताया कि यह योजना बाड़मेर, बारा, पाली, डूंगरपुर, दौसा, प्रतापगढ़, टोंक और धौलपुर जिलों में लागू की गई है. कंगारू मदर केयर से घर पर ही यह समस्या दूर हो सकती है जिससे मौतों में भी कमी आएगी.