RML से बेहतर कोई नहीं! बना देश का पहला सरकारी अस्पताल, प्राइवेटों को कड़ी टक्कर

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Dr. RML Hospital New Delhi: आरएमएल अस्‍पताल आने वाले मरीजों के लिए बड़ी खबर है क‍ि द‍िल्‍ली का डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल केंद्र सरकार के अधीन आने वाला भारत का ऐसा पहला अस्‍पताल बन गया है जिसे बेहतरीन मरीज स…और पढ़ें

RML से बेहतर कोई नहीं! बना देश का पहला सरकारी अस्पताल, प्राइवेटों को टक्‍करआरएमएल अस्‍पताल नई द‍िल्‍ली को नाभ सर्टिफि‍केट मिला है.
दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने अपने नाम बड़ी उपलब्धि दर्ज की है. केंद्र सरकार के अधीन आने वाले दिल्ली सहित देश के टॉप सरकारी अस्पतालों को पछाड़कर आरएमएल देश का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है, जिसे नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (NABH) सर्टिफिकेट दिया गया है. अभी तक यह सर्टिफिकेट टॉप प्राइवेट अस्पतालों जैसे मैक्स, फॉर्टिस, अपोलो, गंगाराम के अलावा ऑल इंडिया इंस्टीटयूट ऑफ आयुर्वेद और राज्य सरकारों के अधीन आने वाले कुछ अस्पतालों को मिला था.यहां तक कि एम्स दिल्ली को भी फुल एक्रेडिटेशन नहीं मिल पाया है. एम्स भी अभी NABH एक्रेडिटेशन के प्रोसेस में है.

अस्पताल की इस उपलब्धि पर अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (Atal Bihari Vajpayee Institute of Medical Sciences) और डॉ. राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि यह सर्टिफिकेट अस्पताल के हर एक व्यक्ति की कठिन मेहनत से संभव हो पाया है. देशभर से आने वाले मरीजों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं को और भी बेहतर करने की ये यात्रा जारी रहेगी फिर चाहे अस्पताल में इन्फ्रास्ट्रक्चर हो या स्टाफ ट्रेनिंग और पेशेंट केयर.

आरएमएल की उपलब्‍ध‍ि बताते अस्‍पताल के डायरेक्‍टर डॉ. अशोक कुमार और अन्‍य डॉक्‍टर.
561 स्टेंडर्ड्स पर खरा उतरा अस्पताल
क्वालिटी एंड एक्रेडिटेशन कमेटी के चेयरमैन डॉ. समीक भट्टाचार्य ने बताया कि इस सर्टिफिकेट को पाने के लिए अस्पताल में गार्ड से लेकर टॉप मैनेजमेंट तक हर एक स्टाफ को बेसिक लाइफ सपोर्ट, फायर सेफ्टी, कोड पिंक (बच्चा चोरी हो तो कैसे रेस्क्यू करें), कोड ब्लू (कार्डियक अरेस्ट), कोड रेड (फायर इमरजेंसी), येलो एंड वॉइलेट की ट्रेनिंग दी गई है. वहीं अस्पताल ने 561 स्टेंडर्ड्स को हासिल करने के लिए कड़ी परीक्षा दी है. अस्पताल के 31 विभागों ने नाभ स्टेंडर्ड्स को पाने के लिए नए एसओपीज बनाए और उन्हें पूरी तरह अपनाया है.

अस्पताल के एमएस डॉ. विवेक दीवान और डीन डॉ. आरती मारिया ने कहा कि नाभ दो साल की कड़ी मेहनत के बाद किसी भी तरह की पेशेंट केयर के मामले में अस्पताल पूरी तरह अपडेटेड हो चुका है. मरीजों की सुरक्षा से लेकर क्लीनिकल प्रोटोकॉल्स और सर्विस डिलिवरी को लेकर फ्रंटलाइन स्टाफ से लेकर सीनियर मैनेजमेंट तक मुस्तैदी से जुटे हैं.

वहीं नोडल अधिकारी डॉ. पारुल गोयल ने कहा कि अस्पताल में रोजाना करीब 8 हजार मरीज ओपीडी में आते हैं, 100 से 1500 मरीज इमरजेंसी में आते हैं, वहीं करीब 1500 बेड्स हैं, ऐसे में हर मोर्चे पर अस्पताल को अपडेटेड रखना चुनौती जरूर थी लेकिन आरएमएल के हर एक स्टाफ ने फिर चाहे वह एचओडीज, नर्स, रेजिडेंट डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, नॉन क्लीनिकल स्टाफ, एंबुलेंस सर्विस प्रोवाइडर या सिक्योरिटी स्टाफ हो, सभी ने कड़ी मेहनत को जमीन पर उतारकर इस उपलब्धि को हासिल किया है.

प्रिया गौतमSenior Correspondent

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ और रियल एस…और पढ़ें

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ और रियल एस… और पढ़ें

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